डॉ. प्रेम कुमार गार्जियन स्वरूप है, करें सहयोग, टिप्पा-टिप्पणी करे बंद : मेयर गणेश पासवान
श्याम किशोर
गया : बिहार के गया शहर में कोरोना महामारी से निपटने को लेकर नगर निगम द्वारा विगत कई दिनों से लगातार सैनिटाइनिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में आज नगर निगम के वार्ड संख्या 13 14, 15 और 16 में सैनिटाइजिंग अभियान चलाया गया। हालांकि इस अभियान पर गत दिनों गया महानगर से भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि नगर आयुक्त का पद 20 दिनों से खाली है, ऐसे में सैनिटाइजिंग अभियान पर खर्च होने वाली राशि कैसे आ रही है ? यह जांच का विषय है। उक्त टिप्पणी को लेकर सैनिटाइजिंग अभियान के दौरान गुरूवार को मेयर गणेश पासवान और डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार को करारा जवाब दिया है और कहा है कि चुनाव की चिंता छोड़ विधायक डॉक्टर प्रेम कुमार सड़क पर उतर करें जनता की सेवा करें ।
मेयर गणेश पासवान ने कहा कि डॉ. प्रेम कुमार गार्जियन स्वरूप है। ऐसे में इस तरह की टीका टिप्पणी करना कहीं से भी सही नहीं है। जब कोरोना की पहली और दूसरी लहर आई थी, तो लोग कोरोना संक्रमित मरीजों से दूरी बना रहे थे। ऐसे में नगर निगम ने उन्हें हर तरह की सुविधा दी। इलाज से लेकर शवों के अंतिम संस्कार तक की व्यवस्था की। जब शहर स्मार्ट सिटी में घोषित नहीं था, तब सबसे गंदा शहर घोषित किया गया था। इन सब के बावजूद हम लोगों ने अथक प्रयास किया और आज गया को बिहार का नंबर वन गंदगी मुक्त घोषित किया गया है। ऐसे में 35 सालों से शहर के विधायक रहे डॉ. प्रेम कुमार इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, यह कहीं से सही नहीं है।
वहीं डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि कड़ाके की ठंड में विगत कई दिनों से सैनिटाइजिंग अभियान के तहत केमिकल का छिड़काव, फागिंग व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव सड़कों व गलियों में कराया जा रहा है। ताकि लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके। हमलोग इस कार्य में विगत 2 वर्षों से लगे हुए हैं लेकिन भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार अनर्गल टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोरोना काल में एक दिन भी वे सड़क पर नहीं उतरे। हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे दो दिन भी सड़क पर उतरकर जनता की सेवा कर दिखाएं। तब उन्हें पता चलेगा कि कार्य क्या होता है ?अगर वे जनता के सही मायने में सेवक हैं तो सड़क पर आकर दिखाएं। चुनाव जीतने के बाद घर में बैठकर टीका टिप्पणी करना बहुत ही आसान है। उन्होंने कहा कि 20 दिनों तक नगर आयुक्त का पद खाली है, ऐसे में भी हमलोग जनता की सेवा कर रहे हैं। अगर वे जनता के सच्चे सेवक हैं और शहर के विधायक हैं तो उन्होंने अपने स्तर से नगर आयुक्त के पद पर किसी को क्यों नहीं स्थान्तरित कराने प्रयास किया। जिम्मेवारी से बचकर बेवजह टिप्पणी करना सही नहीं है। रही बात मेयर व डिप्टी मेयर पद के चुनाव की तो यह जनता तय करेगी। जनता सांसद, विधायक चुनती है। चुनाव में अभी 4 माह का समय है। इसे लेकर अभी से ही राजनीति करना सही नहीं है।
वहीं इधर नगर विधायक डॉ. प्रेम कुमार के निगम के प्रति टिका टिप्पणी के बयान के बाद पार्षद ओमप्रकाश सिंह, धर्मेंद्र कुमार, दीपक चंद्रवंशी, प्रतिनिधि डिंपल कुमार उपेंद्र कुमार कड़ी निंदा की है। कहा कि जनप्रतिनिधियों, सफाईकर्मियों व कर्मचारियों इस तरह के बयान देकर मजाक उड़ाना कहीं से शोभा नहीं देता है।