गया ब्यूरो
गया । वैश्विक महामारी कोरोना इस बार पूरे विश्व को अपने आगोश में ले लिया, जिसके वजह से धार्मिक, आर्थिक,सामाजिक , व्यापारिक, सभी क्षेत्रों में मानो सन्नाटा छा गया । कोरोना का हाहाकार पूरे विश्व के साथ-साथ भगवान बुद्ध की तपोभूमि बोधगया में भी दिखाई पड़ा । प्रत्येक वर्ष नवंबर से जनवरी तक बुद्ध की तपोभूमि बोधगया विदेशी सैलानियों से गुलजार रहता था , परंतु इस बार बोधगया में चारों तरफ मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है ।
एक छोटा सा विश्व का स्वरूप दिखता है , जहां बुद्धिस्ट कंट्री के लगभग दर्जनों मोनेस्ट्री हैं । यहां चीन , जापान , ताइवान , बैंकॉक , थाईलैंड , मलेशिया , अमेरिका या यूं कहें कि विश्व के लगभग सभी बुद्धिस्ट कंट्री का एक छोटा स्वरूप बुद्ध की तपोभूमि बोधगया में देखने को मिलता है। बोधगया के दर्जनों मोनास्ट्री में सन्नाटा पसरा हुआ है । बोधगया के संपूर्ण व्यवसाय को मानो लकवा मार गया हो । दुकान हो या मोनेस्ट्री होटल हो या स्वयंसेवी संस्थाएं , सभी के सभी वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बंद पड़ा है। मोनास्ट्री के धर्मगुरु या फिर होटल व्यवसाय से जुड़े होटल व्यवसाई , यहां तक की विदेशी सहायता पर चलने वाले दर्जनों संस्थाएं , सभी के सभी बंद पड़े हैं । चारों तरफ ताला लटका हुआ है। मंदिर प्रबंधन और होटल व्यवसाई सहित विभिन्न धर्म गुरुओं से जब बातचीत की गयी तब सभी ने एक स्वर में बोला कि इस महामारी के शिकार सभी के सभी हुए हैं। विदेशी फ्लाइट का आना पूरी तरह बंद है, तो दूसरी तरफ महाबोधि मंदिर कोविड गाइडलाइन के तहत खुला भी है तो सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य मानदंडों का पालन करने के बाद भी सैलानियों का आना बंद है।