गया ब्यूरो
गया। महात्मा गांधी व विनोबा भावे के विचारों को अपने जीवन भर निर्वाहन करने वाले 99 वर्ष उम्र के द्वारिकों सुंदरानी उर्फ भाई जी के निधन से गया व बोधगया के सहित पूरे बिहार वासी मर्माहत है। गुरुवार की संध्या में उनके पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन कर दिया गया । वयोवृद्ध गांधीवादी एवं समाजसेवी द्वारिको सुन्दरानी जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किये जाने का निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिला प्रशासन को दिया था । इस मौके पर जिलाधिकारी ने भी श्रधांजलि अर्पित की ।
द्वारिकों सुंदरानी उर्फ भाई जी समन्वय आश्रम बोधगया के संस्थापक थे। वह जमुनालाल पुरस्कार से सम्मानित थे। भाई जी ने गुजरात के हीरा कारोबारी महेश भाई भंसाली की सहायता से 1984 से कालचक्र मैदान में नेत्र शिविर लगाकर अब तक 7 लाख लोगों को आंखें में रोशनी फिर से लौटाने का काम किया । साथ ही बोधगया के आस-पास के गांव में रहने वाले मुसहर भूमिया जाति के लोगों को 10 हजार से ज्यादा बच्चे बच्चियों को शिक्षित कर उनका उत्थान किया। पूरे जीवन भर गरीब असहाय के सेवा में जुटे रहे । गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर भारी संख्या में शहर के गणमान्य एवं बुद्धिजीवीगण मौजूद थे।