नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई अग्रिम अड्डों पर भारत की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया । पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच करीब आठ महीने से जारी गतिरोध के बीच उनका यह दौरा हो रहा है । जनरल रावत ने सुबनसिरी घाटी में सबसे अग्रिम चौकी पर तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ बातचीत की । उन्होंने स्थानीय रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के माध्यम से निगरानी के अभिनव तरीके अपनाने और किसी चुनौती से निपटने की रक्षा तैयारियों के लिए सैनिकों की प्रशंसा की ।
जनरल रावत ने अग्रिम ठिकानों पर सशस्त्र बलों की समग्र तैयारियों का जायजा लिया और उनसे चौकन्ना रहने को कहा । सीडीएस ने शनिवार को भी अग्रिम क्षेत्रों में कुछ इलाकों का हवाई मुआयना किया और अनेक एयर बेस का भी दौरा किया । पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के मद्देनजर चीन के साथ करीब 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेना और वायु सेना उच्च स्तर की तैयारियां रख रही हैं ।
पूर्वी लद्दाख में अनेक पर्वतीय क्षेत्रों में भारतीय सेना के करीब 50,000 सैनिक तैनात हैं । मई में शुरू हुए गतिरोध के समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच अनेक दौर की वार्ता का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है । अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं ।