शाहाबाद ब्यूरो
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के जगजीवन कॉलेज डेहरी ऑनसोन में बिना कारण पृच्छा नोटिश निर्गत किये और परिनियम के विरुद्ध अभिषद के निर्णय की प्रत्याशा में नियमित शासी निकाय को भंग कर पहले तदर्श समिति और फिर अवैध शासी निकाय का गठन कर इस शासी निकाय के माध्यम से राज्य सरकार की सत्र 2009-12 और सत्र 2010-13 की भेजी गई अनुदान राशि को अनियमित तरीके से बंदरबांट कर दिए जाने को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है और इस बंदरबांट में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए राज्यपाल सचिवालय को पत्र भेज दिया है।
आरा के एक शिकायतकर्ता मनीष कुमार के आवेदन पर संज्ञान लेते हुए सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक रेखा कुमारी ने राज्यपाल के विशेष कार्य पदाधिकारी को पत्र भेजकर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति,कुलसचिव,शासी निकाय के अध्यक्ष,सचिव,शिक्षक प्रतिनिधि एवं प्रभारी प्राचार्य समेत कुछ अन्य लोगो पर कार्रवाई करने की बात कही है।उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक रेखा कुमारी ने राज्यपाल के विशेष कार्य पदाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि आवेदक ने पूर्व में भी जगजीवन कॉलेज डेहरी ऑन सोन में राज्य सरकार के अनुदान वितरण में गड़बड़ी करने वाले विवि के पदाधिकारियों समेत इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग उच्च शिक्षा विभाग से की थी जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने अपने विभागीय पत्रांक – 1311 दिनांक- 9.11.2021 के द्वारा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के कुलसचिव को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।बावजूद इसके कुलसचिव द्वारा की गई कार्रवाई से आज तक बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को अवगत नही कराया गया है।पुनः आवेदक द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद उच्च शिक्षा निदेशक राज्यपाल सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी को पत्र भेजकर इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक रेखा कुमारी द्वारा राज्यपाल सचिवालय को कार्रवाई हेतु भेजे गए पत्र के बाद संभावना जताई जा रही है कि परिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए जगजीवन कॉलेज डेहरी ऑनसोन में प्राचार्य द्वारा सेवा समाप्त कर दिए गए और वीकेएसयू के कुलपति और कुलसचिव द्वारा इस सेवा समाप्ति को अनुमोदित कर देने से जुड़े 60 ऐसे शिक्षकों और कर्मियों के बीच अनुदान राशि को वितरित करने में शामिल विवि के अधिकारियों और इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
अगर राज्य सरकार की उच्च शिक्षा निदेशक के पत्र पर राज्यपाल सचिवालय की तरफ से जांच कर कार्रवाई की गई तो इसके केंद्र में कुलपति,तत्कालीन कुलसचिव,शासी निकाय के अध्यक्ष,सचिव और प्रभारी प्राचार्य पर कानूनी सिकंजा कस सकता है।
बता दें कि आवेदक एवं शिकायतकर्ता मनीष कुमार ने जगजीवन कॉलेज डेहरी ऑनसोन में राज्य सरकार की प्राप्त अनुदान राशि के वितरण में भारी अनियमितता के केंद्र में बड़े पैमाने पर लेन देन का आरोप भी लगाया है और उच्च शिक्षा विभाग से अनुदान वितरण में संलिप्त सभी लोगों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है की माननीय उच्च न्यायालय के सीडब्ल्यूजेसी नम्बर 6252/15 और एमजेसी नम्बर 3406/18 में पारित न्यायादेश के विरुद्ध जाकर जगजीवन कॉलेज डेहरी ऑनसोन में राज्य सरकार के अनुदान की राशि का सेवा समाप्त कर दिए गए लोगों के बीच अवैध शासी निकाय द्वारा वितरण करा दिया गया है जो एक आपराधिक कृत्य है।
अब जबकि उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से राज्यपाल सचिवालय को कार्रवाई हेतु पत्र भेजकर की गई कार्रवाई से आवेदक और उच्च शिक्षा विभाग को भी अवगत कराने की बात कही गई है,ऐसे में राज्य सरकार के अनुदान की राशि को अनियमित तरीके से बंदरबांट करने में शामिल सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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