विजय शंकर
पटना ; राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि शिक्षा और शिक्षकों के प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं है और वह जानबूझकर शिक्षा और शिक्षकों से जुड़े मामले को लटकाये रखना चाहती है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि सरकार अपने द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करने में तो टाल-मटोल कर हीं रही है माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों के प्रति भी गंभीर नहीं।
2018 मे हीं 94000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसे पहले न्यायालय के चक्कर में उलझा दिया गया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र करने का निर्देश दिए छः सप्ताह से ज्यादा हो गये पर अबतक सरकार द्वारा काउंसिलिंग की तिथि की घोषणा नहीं की गई है। इसके उलट शीघ्र नियुक्ति की मांग को लेकर मधुबनी में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को बर्बरता पूर्वक पीटा गया।
शिक्षा और शिक्षक के प्रति यदि सरकार का नियत साफ रहता तो उसी के द्वारा 20 – 8 – 20 को अधिसूचित विधालय सेवा नियमावली को लागू करने के लिए भी गंभीरता दिखाई पड़ता । उदाहरण स्वरूप सेवा नियमावली के नियम 16 के उपनियम ( 4 ) के अधिन अंतर नियोजन ईकाई (अंतर जिला ईकाई ) के दिशा निर्देश का प्रस्ताव तैयार करने हेतु शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में 20-9-20 को हीं एक चार सदस्यीय समिति बनाई गई थी जिसे एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार करना था । इसके तहत महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों के स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध करवाना था । पर एक सप्ताह के बदले अब चार महिना होने को है और गिरिवर दयाल कमिटी अभी मंथन और अध्ययन हीं कर रही है।
राजद प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझकर शिक्षकों से जुड़े मामले को लटकाये रखना चाहती है। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति और ऐच्छिक तबादले सम्बन्धी प्रक्रिया यदि शीघ्र पुरा नहीं किया गया तो सरकार को फिर इसे पंचायत चुनाव के नाम पर टालने का एक बहाना मिल जायेगा।