मुख्यमंत्री ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर पटना के गांधी मैदान में किया झण्डोत्तोलन, प्रदेशवासियों को किया संबोधित
झांकि में बिहार शिक्षा परिषद् परियोजना को प्रथम, ग्रामीण विकास विभाग की झांकी को द्वितीय और उद्योग विभाग की झांकी को तृतीय स्थान
विजय शंकर
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झण्डोत्तोलन किया।
इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गौरव का दिन है। राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूँ जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश के थल, जल और नम की रक्षा करने वाले भारतीय सेना का हम अभिनन्दन करते हैं। आज अमृत महोत्सव के अवसर पर उन सभी खिलाड़ियों को भी बधाई देता हूँ, जिन्होंने ओलम्पिक खेलों में पदक जीतकर देश की शान को बढ़ाया। हम उनका अभिनंदन करते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से भारत पिछले वर्ष से प्रभावित है। अनेक देश तो और पहले से ही प्रभावित हैं। देश में कोरोना का संक्रमण एकदम नीचे चला गया था लेकिन मामले अचानक तेजी से बढ़े और दूसरी लहर तो काफी भयावह रही। राज्य में कोरोना जाँच, इलाज, अक्सीजन एवं दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। अब तक 3 करोड़ 94 लाख से अधिक जाँच की गई है। 14 अगस्त, 2021 को एक्टिव मामले मात्र 250 थे जबकि 39 नये केस मिले हैं। 14 अगस्त तक कोरोना के कुल 3 करोड़ के करीब टीके लगे। हमलोगों ने ‘6 माह में 6 करोड़ टीकाकरण’ का विशेष अभियान चलाया है। लोकडाउन के दौरान लोगों को मदद की गई। सामुदायिक किचेन चलाये गए। मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये अनुदान के रुप में दिया जा रहा है। अनाथ बच्चों के लिए बाल सहायता योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार की पूरी तैयारी है। दवाइयों एवं अक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। 122 अस्पतालों में पी०एस०ए० प्लांट में से 34 पूर्ण हो चुके हैं और शेष में इस महीने के अंत तक कार्य पूर्ण हो जाएंगे। मेडिकल कलेजों में 5 क्रायोजेनिक टैंक स्थापित किए गए हैं जबकि शेष कार्य इस महीने के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। हमारी सबसे अपील है कि कोरोना संक्रमण के प्रति सभी सचेत रहें, मास्क का उपयोग जरूर करें, आपस में दूरी बनाकर रखें, हाथ धोते रहें और अकारण बाहर न निकलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी वर्षा के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी है। इस वर्ष जून माह में लगभग दोगुनी वर्षा हुई, उत्तर बिहार के 11 जिले प्रभावित हुए। अगस्त के प्रथम सप्ताह में अभी 15 जिले प्रभावित हैं। अब तक कुल 26 जिले प्रभावित हुये हैं। दक्षिण बिहार में भी बाढ़ की स्थिति बनी। गंगा नदी के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ में फंसे लोगों को सहायता किया जा रहा है। फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है। राहत केन्द्र एवं सामुदायिक रसोई केन्द्र खोले गये हैं। राहत केंद्रों पर कोरोना टेस्ट एवं टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की गई है। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। अनुग्रह सहाय्य राशि प्रभावित परिवारों को 6000 रुपये की दर से अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल क्षति का आकलन जारी है और उसके आधार पर षि इनपुट अनुदान दिया जायेगा। बिहार में अगस्त-सितम्बर में बाढ़ अक्सर आती है, इसको देखते हुए स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है। हमलोगों का शुरु से मानना है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था एवं सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सरकार पूरी तरह तत्पर है। बिहार में कानून का राज स्थापित है। क्राइम करने वाले बच न पायें और उन्हें कानूनन सजा मिले, इसलिए थानों में अनुसंधान एवं विधि-व्यवस्था की अलग व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि क्राइम, करप्शन, कम्यूनलिज्म के प्रति हमारी जीरो टलरेन्स नीति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचना को लेकर कई काम किए गए हैं। कार्यरत सड़कों, पुल-पुलियों तथा सरकारी भवनों का रख-रखाव विभागीय स्तर पर करने की नीति बनायी गई है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है। हर घर बिजली पहुंचा दी गई है। सभी जर्जर तारों को बदला जा चुका है। बिजली की आपूर्ति वर्ष 2005 में 700 मेगावाट थी वह बढ़कर अब 6 हजार 600 मेगावाट हो गयी है। स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने वाला बिहार देा का पहला राज्य हो गया है। देश में भी इसकी शुरुआत की जा रही है। डेडीकेटेड षि फीडर से किसानों को षि विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि षि विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं। तीसरे षि रोड मैप पर कार्य जारी है। फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई है। शाही लीची का दुबई में तथा भागलपुर के जर्दालु आम का लंदन में निर्यात किया गया। उन्होंने कहा कि पैक्स एवं व्यापार मंडलों के माध्यम से अधिप्राप्ति कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्ष खरीफ में 35 लाख 59 हजार मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। इस वर्ष 4 लाख 56 हजार मेट्रिक टन रिकार्ड गेहूँ की अधिप्राप्ति हुई। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी है। इथेनल उत्पादन के लिए भी काम किया जा रहा है। नयी संशोधित औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2020 लागू की गई है। गन्ना से इथेनल उत्पादन हेतु 2007 में 21 हजार करोड़ रूपये के निवेश के प्रस्ताव मिले, परन्तु तत्कालीन केन्द्र सरकार ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार द्वारा विशेष इथेनल नीति लागू की गई है जिससे राज्य में अब तक 30 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे मक्का एवं गन्ना के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वापस लौटे मजदूरों को सहायता दी गई। उनके रोजगार के व्यवस्था हेतु कदम उठाए गए। 31 दिसंबर, 2020 को बेतिया में चनपटिया भ्रमण के दौरान हमने वहां के श्रमिकों द्वारा वस्त्र एव खेलकूद सामान के निर्माण कार्य को देखा है। निर्मित सामानों का निर्यात भी किया जा रहा है। अन्य जिलो में भी लोगों को इसके लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में मिशन मानव विकास की शुरुआत की गई। महिला शिक्षा का प्रजनन दर से सीधा संबंध है। आकलन से पता चला कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश एवं राज्य में उनकी प्रजनन दर 2 है, यदि पत्नी इंटर पास है तो देश में प्रजनन दर 1.7 है जबकि बिहार में यह 1.6 है इससे यूरेका की भावना आयी है। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में 5438 प्लस 2 स्कूल स्थापित किए गए, शेष 2948 पचायतों में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, आगे कक्षा 11वीं एवं 12वीं का संचालन होगा। वर्ष 2005 में कुल प्रजनन दर 4.3 प्रतिशत थी, 2013 में 4 प्रतिात के करीब थी जो अब घटकर 3 प्रतिशत पर पहुँच गयी है। प्रयास जारी रहेंगे तो यह दर 2 प्रतिशत के आस-पास पहुंचेगी। मैट्रिक की परीक्षा में लड़के एवं लड़कियों की संख्या लगभग बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास के पथ पर राज्य अग्रसर है। हमलोगों ने शुरू से ही वंचित वर्गों के लोगों के लिए काम किया तथा इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेष योजनाएं चलाई। सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना में अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अति पिछड़े वर्ग के लिए 7381 तथा 164 युवाओं को लाभ दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत हर पचायत में 4 अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा 3 अतिपिछड़ा वर्ग के युवाओं को वाहन खरीद के लिए 1 लाख रूपये तक की सहायता दी जा रही है। एम्बुलेंस योजना के तहत हर प्रखंड में 2 एम्बुलेंस क्रय के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। इस वर्ष 1068 लक्ष्य के विरूद्ध 440 एम्बुलेंसों का क्रय किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के 33 पुराने एवं जर्जर छात्रावास में से 14 भवनों का जीर्णोद्धार एवं 19 को तोड़कर नये भवनों का निर्माण जारी है। अतिरिक्त 40 नये छात्रावास का निर्माण कार्य जारी है। अल्पसंख्यक कल्याण रोजगार ऋण योजना के तहत 16,290 युवक-युवतियों को 225 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया गया है। तलाकशुदा महिलाओं के लिए 10 हजार रुपये की दर से परित्यक्ता सहायता योजना की शुरूआत की गई है। इस राशि को बढ़ाकर 25 हजार किया गया है। अब तक 13,311 महिलाओं को सहायता की गई है। मदरसा सुढ़ीकरण योजना लागू की गई है। मदरसा बोर्ड का पूर्णिया में क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया है। मदरसों के शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर अन्य शिक्षकों के वेतन के अनुरूप दिया जा रहा है। इस पर वर्ष 2020-21 में 483 करोड़ रुपये खर्च किए गए। सुन्नी एवं ािया वक्फ बोर्ड की जमीन पर बहुद्देशीय भवन, मुसाफिरखाना. विवाह भवन एवं मार्केट कम्पलेक्स निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक जिला में वक्फ की जमीन पर अल्पसंख्यक प्लस-2 आवासीय विद्यालय निर्माण की योजना है। दरभंगा में निर्माण कार्य जारी है। किशनगंज, पूर्णिया एवं मधुबनी जिलों की योजना स्वीत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित बिहार के 7 निश्चय के तहत होने वाले काम काफी हद तक पूरे हो गए हैं। हर घर तक बिजली पहुँचा दी गई है। हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की गली और नाली का काम भी काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। शौचालय निर्माण का कार्य भी पूरा किया गया है। टोलों को ग्रामीण सड़कों से जोड़ने का काम भी ज्यादातर पूरा हो गया है। कुछ क्षेत्रों में जो भी काम बचे हैं उन्हें भी तेजी से कराया जा रहा है। स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता एवं कुशल युवा कार्यक्रम का लाभ युवाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 के अन्तर्गत कई योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू किया गया है तथा अन्य कार्य योजना तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं खेल विश्वविद्यालय हेतु कानून बनाए गए हैं। सभी वर्ग की महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने की योजना स्वीत की गई है। अन्य सभी वर्गों के युवाओं को भी 5 लाख रूपये तक का अनुदान एवं अधिकतम 5 लाख रूपये तक का ऋण मात्र 1 प्रतिशत ब्याज पर देने की योजना है। इन्टर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रूपये तथा महिलाओं को ग्रेजुएट होने पर 50 हजार रूपये दिए जा रहे हैं। क्षेत्रीय प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है। हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निःशुल्क उपचार हेतु ‘‘बाल हृदय योजना’’ लागू की गई है। अब तक 80 बच्चों का प्रशान्ति फाउंडेशन के सहयोग से अहमदाबाद के सत्यसाईं अस्पताल में इलाज कराया। युवाओं के रोजगार हेतु आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। गाँवों में स्ट्रीट लाईट, साफ-सफाई एवं कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है। शहरों में वृद्धाश्रम, शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला आवासन एवं शवदाह गृहों के साथ मोक्षधाम के निर्माण की योजना बनायी गई है। शहरी क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था एवं कचरा प्रबंधन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। सात निश्चय-2 के शेष अवयवों के क्रियान्वयन हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरा है। 26 अक्टूबर, 2019 से जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गयी है। सभी 11 अवयवों पर मिशन मोड में काम हो रहा है। 16,786 जल स्रोतों तथा 3.577 कुँओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया।
पाँच एकड़ छोटे 6,786 तथा पाँच एकड़ से बड़े 590 तालाब/पोखर, 5.773 आहर, 13,646 पईन तथा 10,594 कुँओं का जीर्णोद्धार कराया गया। 12,501 कुँओं तथा 1.09,672 चापाकल के पास सोख्ता का निर्माण कराया। नये जल स्रोतों का निर्माण कराया गया। 14,541 नये जल स्रोत सृजित किये गए। गंगा जल उद्वह योजना- वर्षा ऋतु के समय गंगा नदी के पानी को गया-बोधगया, राजगीर एवं नवादा में ले जाकर संरक्षित रखेंगे और उसी पानी का साल भर उपयोग कर सकेंगे। 13,214 सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण कराया गया। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल षि कार्यक्रम 8 जिलों से शुरूआत की, अब सभी 38 जिलों में संचालित है। फसल चक्र तथा फसल अवशेष प्रबंधन पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा है। जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान लगातार जारी है। बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जा रहा है। हरित आवरण बढ़ाने के लिए 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर 24 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध वर्ष 2018-19 तक 22 करोड़ पौधे लगाये गये। अब जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया जा रहा है। पिछले वर्ष 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने के लक्ष्य के विरूद्ध 3 करोड 95 लाख पौधारोपण किया गया। इस वर्ष 5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है और 9 अगस्त तक 3 करोड़ 15 लाख से अधिक पौधारोपण चुका है और यह कार्य अभी जारी है। उन्होंने कहा कि बिहार के विभाजन के उपरान्त राज्य में हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत रह गया था, अब लगभग 15 प्रतिशत हो गया है। राज्य में हरित आवरण के लक्ष्य को बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी, 2020 को 18 हजार किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला बनी जिसमें 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। नवम्बर, 2019 में श्री बिल गेट्स ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना की। 24 सितम्बर, 2020 को संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन राउंड टेबल कन्फ्रेंस में मुझे अपनी बात रखने का मौका मिला।
मुख्यमंत्री ने आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यवासियों के लिये 9 महत्त्वपूर्ण घोषणायें की हैं।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुये कहा कि बिहार षि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन तीन महाविद्यालयों की स्थापना की जायेगी। सबौर में कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय व भोजपुर में नये कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय व पटना में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को कृषि उत्पादों हेतु बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी कृषि बाजार समितियों का जीर्णोद्वार एवं विकास चरणबद्ध तरीके से कराया जाएगा। यहाँ पर अनाज, फल-सब्जी एवं मछली की अलग-अलग बाजार व्यवस्था, रटोरेज की सुविधा आदि कार्य कराये जायेंगे। इस पर लगभग 2700 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म के विकास के सभी कार्य अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा कराये जायेंगे। इसके लिए विभाग में ईको-टूरिज्म विंग की स्थापना की जायेगी जिसके अंतर्गत पहाड़ी, वन एवं वन्य-प्राणी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाओं का निर्माण एवं रख-रखाव किया जायेगा। इसके लिए उपयुक्त ईको-टूरिज्म पलिसी का निर्धारण भी शीघ्र किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी गाँवों को अगले 4 साल में दुग्ध सहकारी समितियों से आच्छादित किया जायेगा, जितनी भी नई समितियाॅ बनेंगी उनमें से 40 प्रतिशत समितियाँ महिला दुग्ध समितियाॅ होंगी। उन्होंने कहा कि सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए विक्रय केन्द्र अभी कुछ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। अब शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनका विस्तारीकरण किया जायेगा। अगले 4 सालों में सभी नगर निकाय एवं प्रखंड स्तर तक सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए बिक्री केन्द्र खोले जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुये कहा कि सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के युवक-युवतियों को प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु क्रमशः 50 हजार रूपये एवं एक लाख रूपये प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना की तर्ज पर अब अन्य सभी वर्गों की युवतियों के लिए भी सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना शुरू की जायेगी ताकि प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके। उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु अनुसूचित जाति अनुसूचित/जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए परिवारिक आय की सीमा भारत सरकार द्वारा 2.5 लाख रूपये निर्धारित की गयी है। बिहार सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछडा/अति पिछडा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए पारिवारिक आय सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रूपये किया जायेगा। बढ़ी हुयी पारिवारिक आय सीमा के कारण होने वाले अतिरिक्त खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता होती है। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधीन प्रारंभिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक का संवर्ग तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन किया जायेगा। प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पेंशनधारियों को 01 जुलाई 2021 से मँहगाई भत्ता की दर 11 प्रतिशत बढ़ाते हुये 17 प्रतिशत के स्थान पर 28 प्रतिशत दिया जायेगा। इससे संबंधित आदेश वित्त विभाग द्वारा निर्गत किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे तथा पर्यावरण का संरक्षण हो और राज्य को कोरोना संक्रमण की महामारी से मुक्ति मिले। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारा अतीत गौरवशाली और विरासत समृद्ध है। हम उसी ऊँचाई को फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। आइये, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को राष्ट्र के मानचित्र पर एक खुशहाल राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे। इस अवसर पर एक बार पुनः सभी बिहारवासियों को शुभकामनाएँ देता हूँ।
इस अवसर पर निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध, समाज कल्याण विभाग (महिला विकास निगम), सहकारिता विभाग, उद्योग विभाग, पर्यटन विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद्, राज्य स्वास्थ्य समिति तथा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा झांकियां निकाली गयीं। इसमें बिहार शिक्षा परिषद् परियोजना को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, ग्रामीण विकास विभाग की झांकी को द्वितीय स्थान जबकि उद्योग विभाग की झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
पटना के गांधी मैदान में आयोजित 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई घोषणाएं
1.बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन तीन महाविद्यालयों की स्थापना की जायेगी। ये हैं-
• सबौर में कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय (College ofAgricultural Biotechnology)
• भोजपुर में नये कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय (College of Agricultural Engineering)
• पटना में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय (College of Agri – Business Management)
2. राज्य के किसानों को कृषि उत्पादों हेतु बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी कृषि बाजार समितियों का जीर्णोद्वार एवं विकास चरणबद्ध तरीके से कराया जाएगा। यहाँ पर अनाज, फल-सब्जी एवं मछली की अलग-अलग बाजार व्यवस्था, रटोरेज की सुविधा आदि कार्य कराये जायेंगे। इस पर लगभग 2700 करोड़ रुपये की लागत आयेगी
3. बिहार में ईको टूरिज्म के विकास के सभी कार्य अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Department of Environment, Forest and climate change) के द्वारा कराये जायेंगे। इसके लिए विभाग में ईको-टूरिज्म विंग की स्थापना की जायेगी जिसके अंतर्गत पहाडी, वन एवं वन्य-प्राणी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाओं का निर्माण एवं रख-रखाव किया जायेगा। इसके लिए उपयुक्त ईको-टूरिज्म पॉलिसी का निर्धारण भी शीध किया जायेगा।
4. राज्य के सभी गाँवों को अगले 4 साल में दुग्ध सहकारी समितियाँ (Milk Cooperative
Societies) से आच्छादित किया जायेगा, जितनी भी नई समितियों बनेगी उनमें से 40 प्रतिशत
समितियाँ महिला दुग्ध समितियों होंगी।
5. सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए विक्रय केन्द्र अभी कुछ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित हैं. अब शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनका विस्तारीकरण किया जायेगा। अगले 4 साल में सभी नगर निकाय एवं प्रखंड स्तर तक सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए बिक्री केन्द्र खोले जायेंगे।
6. सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत आनु० जाति जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के
युवक-युवतियों को BPSC तथा UPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु क्रमश: 50 हजार रूपये एवं एक लाख रूपये प्रोत्साहन दिया जाता है। इस योजना के तर्ज पर अब अन्य सभी वर्गा की युवतियों के लिए भी सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना शुरू की जायेगी ताकि प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके।
7. पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पिछडे वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए परिवारिक आय की सीमा भारत सरकार द्वारा 2.5 लाख रूपये निर्धारित की गयी है। बिहार सरकार द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति एवं पिछडा/अति पिछडा वर्ग के छात्र-छात्राओ के लिए पारिवारिक आय सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रूपये किया जायेगा। बढ़ी हुयी पारिवारिक आय सीमा के कारण होने वाले अतिरिक्त खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
8. स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता होती है। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधीन (1) प्रारंभिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक का संवर्ग (2) उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन किया जायेगा। प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से जायेगी।
9. केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पेंशनधारियों को
01 जुलाई. 2021 से मँहगाई भत्ता की दर 11 प्रतिशत बढ़ाते हुये 17 प्रतिशत के स्थान पर 28
प्रतिशत दिया जायेगा। इससे संबंधित आदेश वित्त विभाग द्वारा निर्गत किया जायेगा।