ब्रेन हेमरेज से एलोपैथिक चिकित्सा में असफल होकर होम्योपैथिक चिकित्सा में सफल होता है तब उसे सामान्य व्यक्ति आश्चर्यजनक घटना का रूप देते हैं।ऐसे ही एक घटना आपको समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं जिन्हें चमत्कारी घटना क्या अलौकिक घटना का रूप चिकित्सक एवं जनसाधारण दे रहे हैं आज से लगभग एक साल पूर्व आरा के महेंद्र प्रताप सिंह को ब्रेन हेमरेज हो गया था। ब्रेन हेमरेज के कारण कोमा में चले गए तथा जीवन मृत्यु के बीच झूल रहर थे। उनके चिकित्सा हेतु हमें देखने के लिए है आग्रह किया,
मैंने रोगी को देखा तो लगा कि उनके रोग लक्षण दाएं तरफ सर पर चोट लगी थी और बाएं तरफ हाथ पैर में लकवा था अचेत अवस्था में पड़े हुए थे सैलाइन का बोतल लगी हुई थी ,नर्स बीपी बुखार और नाड़ी की गति प्रत्येक 2 घंटे पर लिख रहे थे हमने देखा कि नाड़ी की गति कभी कम कभी ज्यादा उसी तरह बुखार भी कभी-कभी ठंडा पड़ रहा था हमने उसे सर्वप्रथम कार्बो वेज 1 M की दो खुराक आधा घंटा के अंतराल से दिया 3 घंटे के बाद नाड़ी की गति बीपी जो शरीर का तापमान जब समान हो गया उसके बाद हम उनके सभी लक्षणों कि जानकारी लेने लगे,हमने देखा कि जीवन शक्ति की प्रतिक्रिया का भाव आंशिक पक्षाघात, पक्षाघात मस्तिष्क का पक्षाघात, आधे आंखें खुली हुई,चेहरा तमतमाया हुआ, लगातार अनर्गल बातें करना, गहरी बेहोशी अचेतन अवस्था में चिल्लाना, चादर नोचना ।मैंने उन्हें ओपियम चैनल 10M की एक खुराक एवं हेमामेलिस की एक एक घंटा के अंतर से दिया। पहले दिन सुबह उपयोग ओपियम 10M एम एक खुराक दूसरे दिन हमामेलिस 1 घंटे बाद देने को कहा दो से 3 दिन के अंदर दवा का असर होने लगा तथा कुछ ही दिनों में बोलने लगे और एक महीना के अंदर वह स्वस्थ व्यक्ति के जैसे जीवन यापन करने लगे 1 महीना के बाद मैंने सर के चोट के लिए सबसे अच्छी दवा के रूप हाइपरिकम CM एक खुराक दिया आज बिल्कुल स्वस्थ्य। इस तरह की घटनाएं मेंरे जैसे चिकित्सों बन्धुओं के जीवन में आते रहते हैं। कोई भी व्यक्ति चिकित्सक की सलाह से ही दवा इस्तेमाल करें
डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह, होमियोपैथी अस्पताल, फतुहा,पटना (बिहार), मो 9204090774