बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। मुर्शिदाबाद की पंचायत में करीब एक करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने ‘अदालत बंधु’ की नियुक्ति की है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने इस बाबत दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत बंधु की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। इस काम के लिए कल्लोल बसु नामक अधिवक्ता की नियुक्ति की गई है। वे आगामी 31 अगस्त तक जांच करके अपनी रिपोर्ट अदालत में जमा करेंगे।
उनके साथ राज्य के पंचायत स्तर के एक अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। मुर्शिदाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक को हाईकोर्ट ने उन दोनों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि किसी मामले की जांच के लिए जब अदालत की तरफ से खुद किसी की नियुक्ति की जाती है तो उसे अदालत बंधु कहा जाता है। मुर्शिदाबाद में पंचायत स्तर पर 100 दिनों के काम में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।
मुर्शिदाबाद जिले के सूती दो नंबर ब्लॉक के कासिमनगर ग्राम पंचायत में 100 दिनों के काम के तहत पक्की सड़क के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के अधीन ग्राम पंचायत के प्रधान के रिश्तेदार को इस काम का ठेका मिला था लेकिन निविदा के मुताबिक कोई काम नहीं हुआ। जैसा रास्ता तैयार किया जाना था वैसा नहीं हुआ। इसे लेकर अदालत में जनहित याचिका दायर की गई थी।

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