बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के साथ ही राज्य की सभी मियाद खत्म नगर पालिकाओं में एक साथ चुनाव कराने संबंधी भारतीय जनता पार्टी की याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज की खंडपीठ ने 10:30 बजे सुनवाई के पहले सत्र में कहा कि कोलकाता नगर निगम में जो चुनाव घोषित हो चुके हैं उस पर कोई स्थगन नहीं रहेगा। इसके अलावा बाकी नगर पालिकाओं में जल्द से जल्द चुनाव कराने की हिदायत देते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग इसकी जल्द व्यवस्था करें। इसके साथ ही भाजपा ने अपनी मांग में निकाय चुनाव के लिए इस्तेमाल होने वाले ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल करने की भी मांग की थी। इस पर कोर्ट को चुनाव आयोग ने बताया है कि निकाय चुनाव में एम-1 और एम-2 ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है जिसमें वीवीपैट की सुविधा नहीं है। एम-3 ईवीएम में वीवीपैट की सुविधा है लेकिन उसका इस्तेमाल केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव में होते हैं।
कोर्ट ने पूछा कि दूसरे राज्यों से एम-3 ईवीएम क्यों नहीं मंगाई गई थी? इसके जवाब में चुनाव आयोग ने बताया है कि फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के अलावा बाकी सभी राज्यों में ईवीएम किसी ना किसी मतदान प्रक्रिया में लगे हुए हैं इसलिए उन्हें मंगाना संभव नहीं था। 23 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और अधिवक्ता प्रताप बनर्जी ने कोलकाता नगर निगम के साथ ही सभी मियाद खत्म नगर पालिका में चुनाव कराने की याचिका लगाई थी। बाकी नगर पालिकाओं में चुनाव कब हो सकते हैं, हाईकोर्ट द्वारा पूछे गए इस सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मई महीने से पहले कम से कम आठ चरणों में सभी नगर पालिकाओं में चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे। अगर सरकार ऐसा कराने में सक्षम नहीं होगी तो इस बारे में भी कोर्ट को पहले ही जानकारी दे दी जाएगी। इसके अलावा चुनाव आयोग ने कोर्ट को यह भी बताया है कि उसके पास इतनी अधिक संख्या में ईवीएम नहीं है कि सभी मियाद खत्म नगर पालिकाओं में एक साथ चुनाव कराया जा सके। अब बुधवार को जब हाईकोर्ट ने कोलकाता नगर निगम चुनाव पर स्थगन लगाने से इनकार कर दिया है तो इस चुनाव की राह में कोई रोड़ा नहीं रह गया है।