मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में बीआरएलएफ अंतर्गत हाई इंपैक्ट मेगा वाटर शेड प्रोजेक्ट की प्रगति की हुई समीक्षा
navrashtra media bureau
रांची। झारखंड के सात जिलों के 24 प्रखंडों में हाई मेगा वाटरशेड प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। योजना का उद्देश्य बेहतर जल प्रबंधन कर भूमि की नमी और गुणवत्ता को बढ़ाना है, ताकि कृषि व बागवानी के कार्यों को विस्तार दिया जा सके और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साधा जा सके। बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग सभागार में मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने यह कहा। समीक्षा बैठक में योजना से जुड़े बिदुओं और उसके क्रियान्वयन की जानकारी पदाधिकारियों से ली गई। योजना को भारत सरकार की संस्था भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन (बीआरएलएफ) के माध्यम से संचालित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सात जिलों गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका और गिरिडीह के कुल 24 प्रखंडों में मनरेगा योजना से हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य 24 प्रखंडों के कुल 696 वाटरशेड का विकास करना है। इससे 3 लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार हो सके और कम से कम एक लाख किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साधा जा सके।
बैठक में बीआरएलएफ अंतर्गत 7 जिलों से डीडीसी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं परियोजना में कार्य कर रहे संस्था क्रमशः प्रधान, जन जागरण केंद्र,SPWD(Society for Promotion of Wastelands Development (SPWD) विकास भारती , ग्रामीण विकास ट्रस्ट के प्रतिनिधि शामिल थे l
बैठक में सभी संस्थाओं द्वारा प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा की गई l बैठक में मनरेगा आयुक्त द्वारा 7 जिलों के डीडीसी को सीएसओ भागीदारों और अन्य हितधारकों के साथ आगे की योजना बनाने और योजनाओं की अधिकतम स्वीकृति के लिए जिलास्तरीय कार्यशाला/सेमिनार आयोजित करने का निर्देश दिया गया।
इस बैठक के दौरान संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास विभाग श्री अरूण कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।