सुबोध,
किशनगंज 13 अप्रैल ।सुरक्षित संस्थागत प्रसव जरूरी है। इसी के लिए जिले में राज्य स्तर पर लक्ष्य प्रमाणिक सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्यकर्मी की देख-रेख में कराई जाती है। अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने को तमाम सुविधाएं उपलब्ध होती हैं । अस्पताल में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में आधारभूत सुविधाओं का सतत विकास भी इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना का भी लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है। उन्हें संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद की जाती है। जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है।
संक्रमण काल में भी संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल किशनगंज पर लोगों ने जताया भरोसा :
जिलेवासियों ने संस्थागत प्रसव के लिये सदर अस्पताल किशनगंज पर अपना भरोसा जताया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर ने बताया एचएमआईएस डाटा के अनुसार 01 अप्रैल 21 से 31 मार्च 2022 के बीच सदर अस्पताल में कुल 5528 संस्थागत प्रसव किए गए। संक्रमण का दौर जब अपने चरम पर था। उस दौरान भी अस्पताल में प्रसव संबंधी सारी सेवाएं अनवरत जारी रखी गयी थी। इसमें सामान्य प्रसव से लेकर प्रसव संबंधी जटिल मामले भी शामिल हैं। 01 अप्रैल 21 से 31 मार्च 2022 माह के बीच सदर अस्पताल में कुल 322 सिजेरियन मामलों का सफल निष्पादन किया गया। इसमें सिजेरियन प्रसव के कुल 218 मामले रात आठ बजे से सुबह आठ बजे के बीच किए गए हैं। जो रात्रिकालीन बेहतर प्रसव सेवाओं को दर्शाता है। प्रसव संबंधी सेवाओं के विस्तार के लिये नियमित मॉनिटरिंग व कर्मियों के क्षमता संवर्द्धन पर जोर दिया जा रहा है।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना लागू :
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत सभी महिलाओं का बीएमएफएस के माध्यम से शहरी क्षेत्र में 28 लाख 74 हजार एवं ग्रामीण क्षेत्र में 40 लाख 12 हजार 4 सौ खाता में ट्रांसफर किया गया। जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश की अगुवाई में सदर अस्पताल में नए लेबर रूम का निर्माण कराया गया है। जहां 6 लेबर टेबल , ड्यूटी स्टेशन , टॉयज रूम , हाई रिस्क रूम , ए एन सी रूम, चेंज रूम की व्यवस्था की गयी है । जिससे बेहतर प्रसव प्रबंधन की सुविधा मिलेगी एवं जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भीं बेहतर प्रसव प्रबंधन की सुविधा इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के साथ उनके बेहतर प्रसव प्रबंधन का भी ख्याल रखा जाता है।
जिले के सदर अस्पताल में निम्न सुविधाएं शामिल हैं :-
– सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था
– निःशुल्क दवा की व्यवस्था
– गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुँचाने की निःशुल्क व्यवस्था
– प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन
– नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण के लिए शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनश्चित कराने की व्यवस्था एवं साथ ही साथ जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाता है ।