देवेंद्र झाझरिया ने रजत व सुंदर ने कांस्य जीता, भारत के खाते में आ चुके हैं एक गोल्ड समेत सात मेडल

नई दिल्ली : टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सोमवार का दिन भी शानदार रहा और गोल्ड लेने में सफलता पाई । इससे पहले रविवार को भी भारतीय खिलाडियों ने तीन पदक जीते थे जिसमें दो रजत व एक कस्य पदक जीते थे । सोमवार को शूटिंग में अवनि लखेरा द्वारा गोल्ड मेडल जीतने के बाद टोक्यो पैरालंपिक में देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गर्जुर ने जैवलिन थ्रो में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के खाते में दो और मेडल डाल दिए हैं।

टोक्यो पैरालंपिक में अवनि लेखारा ने इतिहास रचते हुए देश को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया है। फाइनल मुकाबले में अवनि ने 249.6 पॉइट के साथ गोल्ड पर अपना कब्जा जमाया। अवनि शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में नजर आईं और उन्होंने पूरे मैच में अपना दबदबा कायम रखा। अवनि भारत की तरफ से पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वालीं पहली महिला खिलाड़ी हैं। पैरालंपिक में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है।। रविवार को पहले टेबल टेनिस में भाविना पटेल ने और फिर हाई जंप में निषाद कुमार ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। अवनि ने 7वें पोजीशन पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। 

देवेंद्र झाझरिया ने रजत तो सुंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता है। इसी के साथ भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में कुल 7 मेडल जीत लिए हैं। जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने जीता है। उन्होंने 67.79 मीटर का थ्रो किया जबकि देवेंद्र ने 64.35 मीटर और सुंदर सिंह ने 64.01 मीटर दूर भाला फेंका। राजस्थान के चुरु जिले के देवेंद्र झाझरिया ने इससे पहले रियो पैरालंपिक- 2016 में गोल्ड मेडल जीता था। उनके नाम भारत की ओर से पैरालंपिक में दो बार गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है।

टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सोमवार का दिन शानदार रहा है। इससे पहले अवनि लखेरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता. 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने 249.6 का स्कोर बनाया और अव्वल रहीं। पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग में यह पहला स्वर्ण पदक है। इससे पहले योगेश कथुनिया ने भारत को डिस्कस थ्रो में चांदी दिलाया।
महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने रविवार को रजत पदक जीते, लेकिन विनोद कुमार का चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में कांस्य पदक उनके क्लासिफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज होने के कारण रोक दिया गया।

स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी नहीं कर पाए झाझरिया
भारत ने इन खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। एथेंस (2004) और रियो (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय झाझरिया ने एफ46 वर्ग में 64.35 मीटर भाला फेंककर अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ा।
श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ ने हालांकि 67.79 मीटर भाला फेंककर भारतीय एथलीट का स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने का सपना पूरा नहीं होने दिया। श्रीलंकाई एथलीट ने अपने इस प्रयास से झाझरिया का पिछला विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा।
बता दें कि झाझरिया जब 8, साल के थे तो पेड़ पर चढ़ते समय दुर्घटनावश बिजली की तार छू जाने से उन्होंने अपना बायां हाथ गंवा दिया था। उनके नाम पर पहले 63.97 मीटर के साथ विश्व रिकॉर्ड दर्ज था।
वहीं, सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर भाला फेंका जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस 25 वर्षीय एथलीट ने 2015 में एक दुर्घटना में अपना बायां हाथ गंवा दिया था। जयपुर निवासी गुर्जर ने 2017 और 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। जबकि जकार्ता पैरा एशियाई खेल 2018 में रजत पदक पर कब्जा किया था।

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