2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद तृणमूल का दामन थामने वाले अर्जुन सिंह

बंगाल ब्यूरो

कोलकाता, 11 मार्च । पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है। चुनाव की घोषणा से पहले ही सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। रविवार को कोलकाता के सबसे बड़े ब्रिगेड परेड मैदान में जन गर्जना जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें से कई नाम ऐसे थे जो चौंकाने वाले थे। सबसे दिलचस्प रहा बैरकपुर का संसदीय क्षेत्र क्योंकि 2019 में यहां भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज करने के बाद से 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद तृणमूल का दामन थामने वाले अर्जुन सिंह को तृणमूल से टिकट नहीं मिला है। वह फिलहाल यहां से मौजूदा सांसद हैं और उम्मीद की जा रही थी कि तृणमूल कांग्रेस उन्हें टिकट देगी, लेकिन ममता बनर्जी ने जब उम्मीदवारों की घोषणा की तो अर्जुन सिंह का नाम नहीं था। खास बात ये है कि जिस दौरान उम्मीदवारों की घोषणा हुई उस दौरान वह खुद ब्रिगेड परेड मैदान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मंच पर थे।

जैसे ही उन्हें पता चला कि उन्हें टिकट नहीं मिला है तो उनकी नाराजगी भी उस समय देखने को मिली क्योंकि वह उम्मीदवारों की घोषणा के तुरंत बाद मंच छोड़कर निकल गए। ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों को टिकट लोकसभा में नहीं मिल पाया है उन्हें विधानसभा में शामिल किया जाएगा। हालांकि अब सूत्रों ने बताया है कि अर्जुन सिंह ने तृणमूल कांग्रेस से भी दूरी बनाने का मन बना लिया है। अब अगर वह भारतीय जनता पार्टी में आते भी हैं तो उन्हें टिकट नहीं मिलने के आसार है। तृणमूल ने उनके संसदीय क्षेत्र से पार्थ भौमिक को टिकट दिया है। अब सूत्रों ने बताया है कि वह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। अर्जुन सिंह के करीबी एक नेता ने बताया कि बैरकपुर संसदीय क्षेत्र हिंदी भाषाओं का गढ़ है और यहां हार जीत का फैसला जूट मिल क्षेत्र के मजदूरों के वोट पर होता है। उनके बीच अर्जुन सिंह की अच्छी पैठ है और वह किसी भी पार्टी में रहें, बावजूद इसके इन मजदूरों के साथ उनका संबंध हमेशा बेहतर रहा है। इसलिए बैरकपुर संसदीय सीट पर वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

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