दूसरे देशों से आने वालों का बनेगा नया पहचान पत्र, बंगाल व कर्नाटक का लागू करने से इनकार
सुभाष निगम/विजय शंकर
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आज केंद्र सरकार की तरफ से देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) लागू कर दिया गया । गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यह सीएए लोगों की नागरिकता देने वाला एक्ट है, छीनने वाला नहीं । यह देश का कानून है जिसे देश के दोनों सदनों के साथ साथ राष्ट्रपति भी लागू कर चुके है । प्रधानमंत्री ने इसके लिए वादा किया था जिसे अब गारंटी के साथ पूरा किया गया है । नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही इसे देशभर में लागू भी कर दिया गया। इस बीच इस एक्ट को लेकर कई राज्यों में खुशियां मनाई जा रही है जबकि कुछ राज्यों में विरोध शुरू गया है। इसको लेकर पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कानून लागू हो जाने के बाद पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है कि सीएए लागू करने के बाद देश में विरोध शुरू हो गया है । कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है की बंगाल में सीएए कानून लागू नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ कर्नाटक सरकार ने भी सीएए को लागू करने से साफ तौर पर मना कर दिया है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विरोध करते हुए कहा की कि भाजपा के पास मुद्दा नहीं है । सिर्फ लोगों का ध्यान भटकना है ।
उल्लेखनीय है की सीएए लागू होजाने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए अल्पसंख्यक शरणार्थी को लाभ मिलेगा जो वहां अल्पसंख्यक थे और प्रताड़ना से तंग आकर भारत आए हैं । साथी का कानून के तहत हिंदू,पंजाबी, ईसाई, पारसी जैसे धर्म के लोगों को इस एक्ट का लाभ मिलेगा और उन्हैं नागरिकता दी जाएगी।
लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार सीएए केवल उन्हीं लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो कि 31 दिसंबर 2014 को या फिर उससे पहले भारत आए थे। CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए ये साबित करना जरूरी है कि वह भारत में कब से रहे हैं। सीएए लागू हो जाने के बाद दूसरे देशों से आने वालों के लिए कोई नया पहचान पत्र नहीं बनाया जाएगा। इसके तहत नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों को भारत का नागरिकता प्रमाण पत्र (Citizenship Certificate) प्रदान किया जाएगा। ये प्रमाण पत्र उन लोगों की भारत में नागरिकता का प्रमाण होगा।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। इसे राष्ट्रपति की तरफ से भी मंजूरी भी मिल गई थी, मगर इसके विरोध में देश के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन तभी शुरू हो गए थे।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाने के बाद दिल्ली के शाहीन बाग में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शाहीन बाग में सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया है।