बंगाल में विधि-व्यवस्था पहले से और बदतर
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। सूबे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह पश्चिम बंगाल भाजपा प्रभारी श्री मंगल पांडेय ने बंगाल में ईडी टीम पर लगातार हो रहे हमले की निंदा करते हुए इसे सत्तापोषित गुंडों का कारनामा बताया है। श्री पांडेय ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी पर हमला लोकतंत्र को दबाने का कुत्सित प्रयास है, लेकिन राज्य की जनता इसका जवाब आगामी लोस चुनाव में देगी। इस हमले के लिए न सिर्फ राज्य सरकार जिम्मेवार है, बल्कि तृणमूल कांग्रेस ने अपने लोगों को गुंडागर्दी की खुली छूट दे रखी है।
श्री पांडेय ने कहा कि भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी तृणमूल सरकार राज्य में हिंसा और हमले कर अपने भ्रष्ट नेताओं की कारगुजारियों पर पर्दा डालने का काम कर रही है। यह सर्वविदित है कि भ्रष्टाचार के मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्री और नेता जेल की सलाखों में हैं। बावजूद टीएमसी सरकार अपने नेताओं को गिरफ्तारी और जांच से बचाने के लिए बंगाल का माहौल खराब करने में जुटी हुई है। राज्य की विधि व्यवस्था का यह हाल है कि जो काम पुलिस-प्रशासन का करना चाहिए, वह काम राज्य के गवर्नर कर रहे हैं। यह अजब स्थिति है कि ईडी पर हमले के दोषियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी। हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए राज्यपाल को निर्देश देना पड़ रहा है।
श्री पांडेय ने कहा कि ईडी टीम पर हमला और पथराव पुलिस और राज्य सरकार के इशारे पर की जा रही है, ताकि ईडी टीम को टीमएसी नेताओं की भ्रष्टाचार की जांच और गिरफ्तार करने से रोका जा सके। राज्य में कानून व्यवस्था पहले से और बदतर होती जा रही है। पहले तो भाजपा और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जाता था, लेकिन अब खुलेआम केंद्रीय जांच एजेंसी पर एक के बाद एक हमले किये जा रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। हिंसा के बूते राज्य में शासन करना तृणमूल कांग्रेस की परिपाटी बन गई है। अब तो तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी कांग्रेस ने भी मान लिया है कि बंगाल में विधि-व्यवस्था चौपट है, इसलिए जल्द से जल्द पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।

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