subhash nigam

नयी दिल्ली :  दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है। सोमवार की रात संसद के उच्च सदन में 131 मत केंद्र सरकार के इस बिल के पक्ष में पड़े। वहीं विरोध में 102 वोट पड़े। लोकसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका है। अब यह राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही कानून बन जाएगा। राज्यसभा में सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सर्विस बिल पेश किया। दिनभर के बहस के बाद गृह मंत्री जवाब देने आए तो उन्होंने विपक्ष को चैलेंज दिया कि इस बिल को गिराकर दिखाओ। उन्होंने कहा- 8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”आज जो बिल लेकर मैं इस महान सदन के सामने उपस्थित हुआ हूँ, उस बिल की चर्चा में डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी से लेकर अठावले जी तक 34 सम्माननीय सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे। इसकी चर्चा के समय सभी ने अपनी-अपनी समझ के हिसाब से पक्ष और विपक्ष दोनों ने विचार रखे। माननीय सभापति महोदय, मैं आपके माध्यम से पूरे सदन को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि बिल का उद्देश्य केवल और केवल दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन हो, वो है।

इससे पहले सदन में बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक व्यवस्था ठीक करने लिए लाया गया है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इस बिल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हम पर नागपुर से इशारा लेने का आरोप लगता है। मैं आपकी बात मान लेता हूं। लेकिन नागपुर तो भारत का हिस्सा है। रूस या चीन नहीं है। आप रूस और चीन से इशारा लेते हैं।

उन्होंने कहा कि यह बिल पूर्व की तरह प्रधानमंत्रियों की सदस्यता बचाने नहीं लाए। इमरजेंसी लगाने के लिए नहीं लाया गया है। गृहमंत्री शाह के यह कहते ही कॉन्ग्रेस के सांसद भड़क गए। इस पर अमित शाह ने कहा, “कॉन्ग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं है। आपने देश को इमरजेंसी दी थी। AAP का जन्म कॉन्ग्रेस को गाली देकर हुआ। खड़गे साहब आप जिस गठबंधन को बचाने के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं, सदन के बाद केजरीवाल साहब आप से मुँह मोड़ लेंगे।”

 

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