नवराष्ट्र मीडिया नेशनल ब्यूरो

नई दिल्लीः दिल्ली जल बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दिल्ली, वाराणसी व चंडीगढ़ के कई ठिकानों पर छापेमारी की है।

उल्लेखनीय है कि ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड में किए गए भ्रष्टाचार के मामले सीबीआई ने एक केस दर्ज किया था। इसी मामले को आधार मानते हुए ईडी ने कार्रवाई की है।

मामले में आरोप है कि जल बोर्ड के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने 38 करोड़ के ठेके काम मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया था, बावजूद कि कंपनी ठेके के तकनीकी आर्हरता को पूरा नहीं करती थी।

ईडी की ओर से इस मामले में किए गए अनुसंधान के मुताबिक मेसर्स एनकेजी लिमिटेड ने ठेके को प्राप्त करने के लिए फर्जी कागजात का उपयोग किया और विभाग को फर्जी दस्तावेज जमा करवाए। हालांकि मुख्य अभियंता को इस बात की जानकारी थी कि कंपनी ठेके के सभी मापदंडों को पूरा नहीं करती है। अरोडा ने कंपनी से नकदी व अपने बैंक खाते के माध्यम से रिश्वत ली। अनुसंधान में यह भी उजागर हुआ कि अरोड़ा ने रिश्वत के पैसे को कई खातों में ट्रांसफर किया। पैसे प्राप्त करने वाले इन लोगों में कई आम आदमी पार्टी के सदस्य भी शामिल थे। इस राशि का उपयोग चुनाव के दौरान भी किया गया।

ईडी के अनुसंधान में यह जानकारी मिली कि दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर को काफी उंचे दर पर जारी किया गया। बिल को बढ़ा चढा कर पेश किया गया जिससे कि रिश्वत की राशि की वसूली की जा सके। 38 करोड़ में सिर्फ 17 करोड़ा टेंडर के काम में लगाए गए और बाकी राशि का खुलकर बंदरबांट किया गया। फिर इस राशि का उपयोग चुनाव कार्यों के लिए किया गया।

ईडी की ओर से की गई छापेमारी के दौरान एजेंसी को कई संदेहास्पद कागजात व इलेक्ट्रोनिक गजट मिले। इसके साथ 1.97 करोड़ मूल्य के सामान व चार लाख रुपये मूल्य की विदेशी करेंसी भी जब्त की गई।

इससे पूर्व ईडी ने क्रमशः 17-11-2023 व 24-07-2023 को छापेमारी की कार्रवाई की थी और इस दौरान भी कई सबूत मिले थे। जगदीश अरोड़ा व अनिल कुमार अग्रवाल को ईडी ने 31-01-2024 को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 10-02-2024 तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।  मामले में अनुसंधान जारी है।

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