कल के फ्लोर टेस्ट में फैसला, देर रात तक तेजस्वी व नीतीश आवास में लगा रहा मजमा

vijay shankar

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मात्र घंटे भर में राजद से पाला बदलकर भाजपा से नाता जोड़कर मुख्यमंत्री पद की नौवीं बार शपथ तो ले ली, मगर उनके मुख्यमंत्री की कुर्सी रहेगी या चली जाएगी, इसपर फैसला कल 12 फरवरी को होना है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्यपाल के निर्देशों के अनुकूल कल 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में पास होना है तभी सरकार बच पाएगी । मात्र 7- 8 विधायकों की संख्या के खेल में राष्ट्रीय जनता दल जो इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होकर चुनाव के बाद उभरी थी , जोड़-तोड़ में लगी है । सूत्रों के अनुसार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पूरे खेल में चुप हैं और जोड़-तोड़, खरीद फरोख्त में लगे हैं और पलटू राम मुख्यमंत्री को सबक सिखाने की कोशिश कर रहे हैं । लालू यादव का कांग्रेस भी पूरा साथ दे रही है जिससे महागठबंधन के नेताओं के हौसले बुलंद हैं । नीतीश सरकार का फैसला कल 12 फरवरी को होना है मगर आज क़यामत वाली रात है और दोनों गठबन्धनों की नींद उडी हुई है । तेजस्वी आवास पर ‘हॉउस अरेस्ट ‘ राजद समेत महागठबंधन के कई विधायक आज देर रात घर गए हैं और कल सदन में उन्हें वोट देने आना है, कहीं यही चुक राजद को महंगा न पड़े । तेजस्वी आवास पर नेताओं ने नीतीश सरकार के गिर जाने का दावा किया मगर प्रशासन की मुश्तैदी से खेला बदल भी सकता है । हालाँकि पुलिस और प्रशासन को जिस तरत रात में राजद कार्यकर्ताओं ने खदेड़ कर भगा दिया उससे लगता है कि विपक्ष पुरी ताकत लगा रहा है ।
अगर संख्या बल पर गौर करें तो एनडीए सरकार में अभी 128 विधायकों का समर्थन है। जिसमें भाजपा-78 , जदयू के 45, हिंदुस्तान आवामी मोर्चा सेकुलर के चार विधायक तथा एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह, कुल 128 विधायक शामिल है । राजद के साथ 115 संख्या बल है जिसमें राजद के 79 , कांग्रेस के 19 , माले के 12 , भाकपा के 2 , माकपा के 2 और ओबैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक विधायक कुल 115 ही आते है । वर्तमान आंकड़े में एनडीए से महागठबंधन में 13 कम हैं । अब जोड़ तोड़ देखे तो हम पार्टी के 4 और निर्दलीय एक एनडीए से निकलते हैं तो एनडीए के पास 123 बचेंगे मतलब महागठबंधन के 115 + 5 = 120 हो जायेगे । ऐसी स्थिति में अब भी 3 विधायक एनडीए के पास अधिक रहेगे और सरकार बच जाएगी । मगर एनडीए के विधायको में जबतक टूट नहीं होती , जबतक 3-4 विधायक महागठबंधन में नहीं आते तबतक नीतीश की जय जय तय है ।

 

हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी अपने चार विधायकों के साथ फिलहाल सर्वोच्च ताकत के रूप में दिख रहे हैं । जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजद गठबंधन वाली सरकार में भी दो मंत्री पद मांगे थे जबकि सिर्फ उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन को एक मंत्री पद दिया गया और दूसरा मंत्री पद नहीं दिया गया । इस बार नवमी बार जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शपथ ली तब भी जीतनराम मांझी ने काम से कम दो विधायक को मंत्री बनाने की मांग की मगर इस बार भी उनको कामयाबी नहीं मिली और मात्र उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन को ही एक मात्र मंत्री पद की शपथ दिलाई गई । कहीं ना कहीं जीतनराम मांझी को यह बात चुभ रही है और उन्होंने पत्ता भले ही ना खोला हो, मगर जिस तरह उनके फोन स्विच ऑफ आ रहे हैं, उससे जदयू और भाजपा के लोगों की धड़कन बढ़ी हुई है और जोड़-तोड़ में भी लगे हैं ।

इधर भाजपा के जोर-जोर की काट में और सत्ता से रोकने के लिए राजद और कांग्रेस के सभी विधायकों ने एकजुट होकर तेजस्वी आवास में इस बात की कसमें खाई है कि इस बार नीतीश कुमार को पलटू राम बने नहीं देंगे और सबक सिखाएंगे ।
इधर तेजस्वी के आवास पर देर रात तक कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा और नारेबाजी होती रही , नीतीश मुर्दाबाद लोग कहते रहे । पुलिस महकमा और प्रशासनिक अमला के लोग देर रात तेजस्वी आवास पर आये मगर कार्यकर्ताओं ने खदेड़कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया । ऐसा समझा जाता है कि जोर-तोड़ मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए हो या विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए, दोनों ही कुर्सियों के लिए राजद पूरी ताकत से लगा है मगर सफलता मिलती है या गिरते हैं, इसका फैसला कल विधानसभा में हो जाएगा । वैसे देर रात आज तेजस्वी की आवास पर विधायकों की बैठक होती रही । इसके बाद कई विधायक अपने-अपने घर भी चले गए लेकिन पुलिस प्रशासन को राजद के कार्यकर्ताओं ने पूरी तरह खदेड़ दिया और गुस्सा उतारा जिसके कारण पुलिस प्रशासन को बाहर निकलना पड़ा ।

राजनीतिक सूत्रों की मानें तो इस बार सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के कुछ विधायकों के भीतरघात की आशंका से ग्रसित हैं क्योंकि बार बार पलटी मरने से उनके कुछ नेता नाराज हैं । कुछ यादव विधायक भी , जो लालू के कहने पर एक पैर पर खड़ा होते रहे हैं , लालू को आशा बंधा चुके हैं जिससे महागठबंधन कल फ्लोर टेस्ट को लेकर आशान्वित दिख रहे हैं । हालाकिं इससे बचने के लिए नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जाकर मिल चुके हैं जिससे भाजपा नेतृत्त्व भी लगा है कि कि महागठबंधन के कुछ विधायकों को तोड़ दिया जाये जिससे संख्या बल पर असर नहीं पड़े । वैसे नीतीश को अपने विधायकों के भीतरघात का खतरा लगा हुआ है क्योंकि इस बार की पलटी मारी से उनके कई विधायक नाराज हैं ।

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