राजद और जदयू ने अपने-अपने विधायको को पटना बुलाया, एक-दो दिन में हटेगा पर्दा

नीतीश बने रहते हैं मुख्यमत्री या फिर ऊँची कुर्सी के लिए संतोष करेंगे उपमुख्यमंत्री से ही

विजय शंकर

नयी दिल्ली /पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सियासी घमासान जारी है और कभी भी नीतीश कुमार भाजपा का दामन थम सकते हैं यह कयास राजनीतिक गलियारे में लगाये जा रहे हैं । भाजपा नीतीश को साथ लेना चाहती है मगर अपनी शर्ते भी थोपना चाहती है कि इस बात सीएम की कुर्सी भाजपा के हाथ रहेगी और नीतीश कुमार उप मुख्यमंत्री बन जाएँ या केंद्र सरकार में मंत्री बन जाएँ । इसपर नीतीश कुमार विचारार्थ की भुमिका में हैं और फैसला लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं । इसलिए सीएम नीतीश कुमार ने अपना सारा कार्यक्रम रद्द कर दिया है और सभी जदयू विधायकों को पटना मुख्यालय बुलाया है ताकि सर्व सम्मत फैसला ले सके और पार्टी में टूट नहीं हो ताकि खेल ख़राब हो जाये । वैसे सूत्रों की माने तो इस बार भाजपा महिला को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा दांव खेलना चाहती है वैसे भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री रहे नित्यानंद राय पर भी दांव लगाकर पिछड़ा कार्ड खेलना चाहती है । भाजपा भी अभी अनिर्णय की स्थिति में है क्योंकि जदयू के साथ गठबंधन में राजद अभी सर्वाधिक संख्याबल के साथ सदन में हैं ।

इस बीच भाजपा बिहार के सभी बड़े नेता आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली पहुँच गए और पहले बिहार बीजेपी के प्रभारी विनोद तावड़े के साथ भाजपा नेताओं की बैठक हुई जिसके बाद फिर सभी नेता अमित शाह के आवास पर गए और बड़ी बैठक हुई जो लगभग डेढ़ घंटे तक चली । भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, विनोद तावड़े, सांसद सुशील मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नित्यानंद राय, पूर्व डिप्टी सीएम तारकीशोर प्रसाद, बिहार के संगठन मंत्री भिखु भाई दलसानिया, पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी और प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा , भाजपा के बिहार झारखंड के क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र जी बैठक में मौजूद रहे । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक के बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई है मगर सीएम नीतीश कुमार को लेकर कोई बात नहीं हुई । नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी कहा कि नीतीश कुमार को लेकर कोई बात नहीं हुई । हालाँकि इसमें जयादा सच्चाई नजर नहीं आती क्योंकि अभी लोकसभा चुनाव की अधिसूचना नहीं हुई है और बिहार में नीतीश कुमार को लेकर बबाल मचा हुआ है , फिर नीतीश पर चर्चा नहीं होने की बात बेमानी लगती है ।

बिहार में इन दिनों राजनीतिक घमासान मचा हुआ है और कभी भी सत्ता परिवर्तन संभव है । सीएम नीतीश कुमार ने अपना सारा कार्यक्रम रद्द कर दिया है और सभी जदयू विधायकों को पटना मुख्यालय बुलाया है ताकि सर्व सम्मत फैसला ले सके और पार्टी में टूट नहीं हो । वहीँ दूसरी तरफ अटकलों के बीच लालू यादव ने भी नीतीश को उन्हें फोन किया और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का सीधा प्रस्ताव दिया है जिसपर नीतीश कुमार ने हामी नहीं भरी है जिससे विवाद छिड़ा हुआ है । सूत्रों ने बताया कि लालू यादव वेट एंड वॉच की रणनीति पर काम कर रहे हैं और उन्होंने भी शुक्रवार को अपने निवास पर सभी राजद विधायको को बुला लिया है ताकि रणनीति पर विचार किया जा सके । ऐसा लगता है कि राजद -जदयू दोनों अपने विधायको से बातचीत कर कोई फैसला ले लेंगे । नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहेंगे या भाजपा के साथ उप मुख्यमंत्री बनकर संतोष करेंगे , यह कल यानि 26 जनवरी के बैठक बाद फैसला निकलना संभावित लगता है ।

बिहार में इन दिनों राजनीतिक घमासान मचा हुआ है और कभी भी सत्ता परिवर्तन संभव है । इंडिया गठबंधन की पहल करने वाले सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ही इसका हिस्सा बनकर रह पाएगी या नहीं, इसपर संशय के बादल गहरा गए हैं । इसकी वजह आरजेडी और जेडीयू के बीच का कथित तनाव है तो वहीं पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुरको भारत रत्न दिए जाने के बाद नीतीश कुमार ने जिस तरह के बयान दिए हैं, ऐसा लग रहा है कि बीजेपी को लेकर उनके सुर बदल गए हैं । यह बात देर रात खुल गयी जब कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए जारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में पीएम नरेन्द्र मोदी की सराहना वाली बात विज्ञप्ति के अंतिम पंक्ति में जोड़कर विज्ञप्ति को संशोधित किया गया ।
हाल ही में जब लालू यादव उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को साथ लेकर नीतीश कुमार से मिलने सीएम आवास गए थे तो बात नहीं बनी थी । इसके बाद ही नाम लिए बगैर परिवारवाद करने की चर्चा नीतीश कुमार ने करनी शुरू कर दी । इसके बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने बिना नाम लिए सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा और ट्वीट किया । ऐसे में महागठबंधन के टूटने और नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी की अटकलें और तेज हो गई हैं । सबसे ताज्जुब की बात तो कल कर्पूरी ठाकुर की जयंती थी और सरकार में साथ रहने वाले राजद और जदयू ने अलग -अलग कार्यक्रम दो स्थानों पर आयोजित किया । दोनों कार्यक्रमों से ही बिहार की जनता समझ गयी अब राजद -जदयू गठबंधन की सरकार अंतिम दौर में आकर मृत्यु शैया पर आ गयी है और नीतीश कुमार जिन्हें लालू यादव व बिहार की जनता पलटू राम कहती आई है , एक बार फिर सत्ता पलटने वाले हैं , वक्त चाहे जो लगे ।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *