बच्चों के भरण पोषण व देखरेख हेतु सौंपा बाल कल्याण समिति को

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

अनूपपुर, एमपी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर गुरुवार को अनूपपुर रेलवे स्टेशन अनूपपुर क्षेत्र का जायजा लिया। जहां उन्होंने स्टेशन के बाहर बैठे तीन साल के बच्चे को देखा। बच्चे को अपने पास बुलाया। बच्चे ने बताया कि वह यहां पैसे मांगता है। एडीजीपी ने उसे खाना खिलाया। बच्चे और उसके भाई के लिए एक दुकान से नए कपड़े दिलवाए। एक उच्च पुलिस अधिकारी द्वारा बच्चों के प्रति दिखाए गए प्रेम की क्षेत्र में काफी चर्चा है और लोग इनके व्यवहार की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे है।

रेलवे स्टेशन परिसर के पास लावारिस हालत में 5 वर्षीय बच्चे को घूमते देखे जाने पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने रोकते हुए उसका नाम, घर सहित माता-पिता का नाम पूछा, जिस पर बच्चे ने अपना नाम करन बताया, लेकिन माता-पिता के संबंध में कोई जानकारी नही दे पाया, जिसके बाद एडीजीपी ने बच्चे की दयनीय हालत तथा भूखे होने पर पास की दुकान से फल खरीद कर बच्चे की भूख शांत कराई। इस बीच करन का दूसरा भाई 6 वर्षीय कृष्णा भी वहां पहुंच गया। जिसके बाद एडीजीपी ने दोनो बच्चों को कपडे की दुकान ले जाकर नये कपड़े, जूते चप्पल दिलाये। दोनो बच्चों से उनके घर के संबंध में पूछा, तो दोनो बच्चों ने एडीजीपी को अपने साथ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 1 में ले गये जहां वह रोज रात में सोते थें उसे ही अपना घर बताया। पूछताछ के दौरान बच्चो ने बताया कि उनके पिता जेल में है और घर कंकाली मंदिर के पास शहडोल में होना बताया। लेकिन अपने माता पिता के संबंध में इसके अलावा किसी तरह की जानकारी नही बता पाये। जिसके बाद दोनो बच्चों को कोतवाली थाना अनूपपुर ले गये और अच्छी देखभाल के लिए चाइल्ड हेल्प लाईन में सूचना देने के लिए कोतवाली प्रभारी अनूपपुर अमर वर्मा को निर्देश दिए गए। जहां दोनो बच्चों के भरण पोषण एवं उचित देखरेख के लिए बाल कल्याण समिति अनूपपुर के सुपुर्द किया गया। वहीं स्टेशन परिसर के आसपास रहे लोगो ने एडीजीपी को बताए कि अनूपपुर रेलवे स्टेशन में दर्जनों ऐसे छोटे बच्चे है जो भीख मांगते हुए और कुछ बच्चे तो नशे की लत में फंस चुके है।

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