Yogesh suryawanshi 03 अप्रैल बुधवार

सिवनी  : कलेक्टर सिवनी श्री क्षितिज सिंघल, उपसंचालक कृषि श्री मोरिस नाथ ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि फसल की कटाई के बाद फसल अवशेषों को कदापी न जलाएँ। इससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य एवं जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फसल अवशेष जलाने से वातावरण में कार्बन डाईऑक्साईड, मिथेन, कार्बन मोनोऑक्साईड आदि गैंसों की मात्रा बढ़ जाती है। मृद्रा की सतह का तापमान 60-65 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाता है, ऐसी दशा में मिट्टी में पाये जाने वाले लाभदायक जीवाणु जैसे-बेसीलस सबटिलिस, स्यूडोमोनास, फल्यूरोसेन्स, एग्रोबैक्टीरिया, राइजोबियम प्रजाति, एजोटोबैक्टर प्रजाति, एजोस्पिायरिलम प्रजाति सेराटिया प्रजाति आदि नष्ट हो जाते है। ये सूक्ष्य जीवाणु खेतो में डाले गये खाद एवं उर्वरक को तत्व के रूप में घुलनशील बनाकर पौधों को उपलब्ध कराते है। अवशेषों को जलाने से ये सभी सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है। इन्ही सूक्ष्म जीवों के नष्ट हो जाने से खेतों में समुचित रूप से खाद एवं उर्वरकों की आपूर्ति पौधों को न हो पाने के करण उत्पादन प्रभावित होता है। अतः किसान भाईयों से अपील है कि फसल की कटाई के बाद फसल अवशेषों कडवी नरवाई को रोटावेटर व कृषि यंत्रों के माध्यम से जुताई कर खेत में मिला दें। फसल अवशेष पर वेस्ट डिकम्पोजर कचरा अपघटक या बायोडायजेस्टर के तैयार घोल का छिड़काव करें या फसल की कटाई के बाद घास-फूस पत्तियाँ, ठूँठ, फसल अवशेषों को सड़ाने के लिए 20-25 किलोग्राम नत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर बिखेर कर नमी की दवा में कल्टीवेटर या रोटावेटर की मदद से मिट्टी में मिला देना चाहिए। इस प्रकार अवशेषों खेतों में विघटित होकर मिट्टी में मिल जाते है और जीवाणुओं के माध्यम से ह्यूमस में बदलकर खेत में पोषक तत्व (नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर आदि) तथा कार्बन तत्व की मात्रा को बढ़ा देते है। हमारे खेतों में ये ह्यूमस तथा कार्बन ठीक उसी प्रकार काम करते है जैसे हमारे खून में रक्त कणिकाएँ। इसीलिए किसान भाई फसल अवशेष प्रबंधन को अपना कर पर्यावरण को सुरक्षित बनाने में सहयोग प्रदान करें। म.प्र.शासन पर्यावरण विभाग मंत्रालय द्वारा दिनांक 5 मार्च 2017 को जारी नोटिफिकेंशन में नरवाई जलाने पर 2 एकड़ से कम 2500 – रूपये,2 एकड़ से 5 एकड़ तक 5000- एवं 5 एकड़ अधिक 15000- रूपये का जुर्माना किया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में कलेक्टर महोदय सिवनी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व समस्त को पत्र लेख किया है कि फसल अवशेष नरवाई जलाने पर अर्थ दण्ड वसूलने की कार्यवाही की जावें। अतः कृषक भाईयो से अपील की जाती है कि वे फसल अवशेषों न जलाकर पर्यावरण की सुरक्षा करें एवं मृदा के स्वास्थ्य को बनाये रखे।

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