national : लाल बहादुर शास्त्री ने कभी आउटकम नहीं देखा और देश के लिए शहीद हो गए: सुबोधकांत सहाय

national : लाल बहादुर शास्त्री ने कभी आउटकम नहीं देखा और देश के लिए शहीद हो गए: सुबोधकांत सहाय

अजय वर्मा जैसे युवा को विधायकी मिले तभी कायस्थ समाज को राजनीति में नयी ताकत मिलेगी : सुबोध कान्त सहाय

शास्त्री जी की जयंती राष्ट्रीय स्तर पर जय जवान, जय किसान दिवस के रूप मनायी जाए : अजय वर्मा

विद्यापति भवन में लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच की और से  119 वीं जयंती समारोह आयोजित

युवा मंच घोषित करते अजय वर्मा

vijay shankar

पटना । पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री मील के पत्थर रहे । चाहे राजनीति का क्षेत्र हो या सामाजिक क्षेत्र हो । प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी वह बैंक के कर्जदार रहे। प्रधानमंत्री रहकर भी वे सादगी के साथ रहते थे कभी उनके मन में यह नहीं रहा कि हमें लोग किस नजर से देखेंगे और यही उनकी ताकत रही । जिस समय वह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे उसे समय पूरा देश संकटों से गुजर रहा था । अकाल पड़ा था, देश में अन्न की विकराल समस्या थी। उनके पहले देश चीन से हार गया था । उन्होंने जय जवान, जय किसान का नारा दिया । इतना ही नहीं प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने देशवासियों से अपील की थी कि सप्ताह में एक दिन वह सीरियस गेहूं-चावल अनाज खाना छोड़ दें और इसको देशवासियों ने माना। सभी देशवासियों ने सप्ताह में एक दिन खाना छोड़ दिया जिससे देश में पड़े अन्न संकट से जूझने में मदद मिली । खुद लाल बहादुर शास्त्री ने भी सप्ताह में एक दिन अन्न का त्याग किया। आज की राजनीति में ऐसे राजनेता मिले ऐसा संभव नहीं है । देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता थी, मगर आज के राजनेताओं में यह प्रतिबद्धता नहीं रहती। शास्त्री जी नीचे से उठकर ऊपर आए और प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। उनकी ईमानदारी, लगनशीलता, सादगी और कठोर निर्णय, दृढ़ विश्वास ऐसा रहा जिससे वह अपने रास्ते आगे बढ़ते गए । आज सत्ता में बैठे लोग पहले आउट कम देखते हैं, मगर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने कभी आउटकम नहीं देखा और देश के लिए शहीद भी हो गए। उनके जीवन का अंत रहस्यमय बनकर रह गया जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने मुख्य अतिथि पद से लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच की और से आयोजित 119 वीं जयंती के मौके पर कही । उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री और डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे व्यक्तित्व के आगे कोई नहीं टिक सका और भविष्य में भी उनकी लकीर से बड़ी लकीर कोई नहीं खीच सकता । उन्होंने कहा कि जिस तरह कायस्थों को लेकर विचार मंच  के अध्यक्ष अजय वर्मा चल रहे हैं, उससे राजनीति में कायस्थ की ताकत बढ़ेगी और इसके लिए जरुरी है कि अजय वर्मा जैसे युवा को सदन में भेजा जाये , विधायकी मिले तभी कायस्थ समाज को नयी ताकत मिलेगी ।

विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले चित्राशों को सम्मानित भी किया गया।खेल में उल्लेखनीय योगदान के लिए सुखदेव नारायण क्रिकेट के आयोजक विजय कुमार नारायण चुन्नू व शौम्या अखौरी, निखिलेश रंजन, अंकुर श्रीवास्तव को, पत्रकारिता के क्षेत्र में अपूर्व वर्मा, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ के के अंबष्ठा,शिक्षा के क्षेत्र में अरुण कुमार श्रीवास्तव, परिमल कुमार व किशोर कुमार,सामाजिक क्षेत्र से शिवाजी प्रसाद, संगीत कला में सृष्टि सिन्हा को सम्मानित किया गया । अस्वस्थता के कारण अपूर्व वर्मा सम्मान लेने नहीं आ सके । साथ ही विभिन्न पूजा समितियों से आये अध्यक्षों /पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया । इस बार न सिर्फ पटना से बल्कि भोजपुर आरा से भी गाड़ियों में भरकर लोग आये और सम्मानित हुए । वार्ड पार्षद सीमा वर्मा और वार्ड पार्षद माला सिन्हा को भी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने सम्मानित किया ।

स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत की जांच केंद्र सरकार से कराने को लेकर एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया: अजय वर्मा 

लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच के अध्यक्ष अजय वर्मा ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत की जांच केंद्र सरकार से कराने को लेकर एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है और केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से रहस्यमय मौत की जांच कराने की मांग यह मंच करता है । इसके लिए मंच का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलेगा और गुहार लगाएगा  । साथ ही लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच यह भी मांग करता है कि लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पूरे देश में जय जवान, जय किसान दिवस के रूप में मनाई जाये और राष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन हो, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते है। उन्होंने मांग की कि लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े आलेख को एनसीईआरटी के पाठ्य पुस्तकों में उसी रूप में शामिल किया जाए जैसे अन्य महापुरुषों की जीवनी छापी गई है ।

नारी सशक्तिकरण के लिए प्रयास करने वाले पहले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ही थे : रणबीर नन्दन 

पूर्व विधान पार्षद प्रोफेसर रणबीर नंदन ने कहा कि स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने अनेक ऐसे कार्य किये जो देश में आज भी याद किया जाता है । पूर्व विधानपर्षद प्रो रणबीर नंदन ने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए प्रयास करने वाले पहले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ही थे । जब वे उत्तर प्रदेश में परिवहन मंत्री थे तो उन्होंने महिला कंडक्टरो की नियुक्ति की थी। आज यूपी सरकार की बसों में न सिर्फ़ महिला कंडक्टर रहती बल्कि महिला ड्राइवर भी है जो बस चला रही हैं। मितव्ययिता उनमें इतनी थी की कुर्ता जब फट जाता था तो पत्नी से कहकर वे उसमें पैबंद लगवा लेते थे, या फिर रुमाल बनवा लेते थे। उनके इस आचरण से आज के राजनीतिज्ञों को सीख लेनी चाहिए । उन्होंने कहा कि ताशकंद में हुई उनकी मौत की गुत्थी आज तक नहीं सुलझ सकी और कांग्रेस की सरकार ने जाँच तक नहीं कराई, इसके लिए देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ़ नहीं कर सकेगी ।  उन्होंने कहा कि चाहे देशवासियों के लिए एक दिन का अनाज छोड़ने का आह्वान हो, पूरा देश उनके एक आह्वान पर एक दिन का अन्न त्यागने लगा, खुद शास्त्री जी भी एक दिन भूखा रहने लगे । यह उनकी महानता और देशवासियों के प्रति श्रद्धा और देशवासियों की शास्त्री जी पर अटूट विश्वास का नतीजा था। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी गरीब कायस्थ परिवार से उठकर अपनी मेहनत, ईमानदारी और बुद्धिमत्ता के बल पर प्रधानमंत्री के सर्वोच्च पद पर पहुंचे, मगर कटुतापूर्ण राजनीति करने वाले लोगों से रहा नहीं गया। चाहे अकाल की समस्या हो या फिर कोई और समस्या, हर मुद्दे पर शास्त्री जी ने मजबूती से कार्य किया और देशवासियों को राहत दी।

शास्त्री की सरलता, सहजता,कठोर निर्णय और राजनीतिक सोच देशवासियों को सदैव याद रहेगा : प्रोफेसर प्रवीण कुमार

ए एन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर प्रवीण कुमार ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री की सरलता, सहजता,कठोर निर्णय और राजनीतिक सोच देशवासियों को सदैव याद रहेगा । एक गरीब परिवार से आने वाला व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर जाए, यह उनकी प्रखर सोच का परिणाम था। सबसे बड़ी बात यह थी कि उनके पक्ष और संकल्प के साथ पूरा भारत खड़ा था । चाहे घायल जवानों के लिए खून देने की बात हो या फिर सप्ताह में एक दिन भूखे रहकर अनाज त्यागने की बात हो, सब में देश के लोगों ने उनका साथ दिया । जय जवान, जय किसान का नारा स्वत स्फूर्त था और तब सामयिक भी था । देश के ऐसे मुखिया, प्रधानमंत्री शास्त्री जी का विशाल व्यक्तित्व, कठोर संकल्प आज के राजनेताओं से अलग था।

शास्त्री जी ने देश की नब्ज को समझा और देश के विकास व सुरक्षा के लिए जवानों व किसानों को मजबूत किया : डॉ एन पी नारायण 

विशिष्ट अतिथि जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन ख्यातिप्राप्त चिकित्सक डॉ एन पी नारायण ने कहा कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने लाल बहादुर शास्त्री सादगी और दृढ़ निश्चय वाले प्रधानमंत्री के रूप में वर्षों वर्षों तक याद किए जाएंगे। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी उन्होंने देश की नब्ज को समझा और जाना कि देश के विकास के लिए और देश की सुरक्षा के लिए जवानों व किसानों को मजबूत करना होगा । उन्होंने जय जवान, जय किसान का नारा दिया। सिर्फ नारा ही नहीं दिया बल्कि इन दोनों क्षेत्रों में बड़े-बड़े काम किये ताकि देश की सेना मजबूत हो और देश का किसान संपन्न हो ताकि आत्मनिर्भर देश हो सके । लाल बहादुर शास्त्री जैसे प्रधानमंत्री के रुख ने पूरे विश्व को संदेश दे दिया जिससे शास्त्री जी के सत्ता में आते ही पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध छेड़ दिया । मगर उनका आत्मविश्वास था कि पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और जमीन भी गंवानी पड़ी । लेकिन उच्च स्तरीय साजिश के कारण जमीन लौटाने के लिए अमेरिका और रूस ने पाकिस्तान के साथ मिलकर दबाव बनाया और लाल बहादुर शास्त्री को पाक की जीती जमीन लौटाने के लिए जबरन ताशकंद बुला लिया गया । ताशकंद जाना उनकी अंतिम विदेश यात्रा साबित हुई और ताशकंद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को मौत की नींद सुला दिया गया। उनके महान व्यक्तित्व का एक उदाहरण यह भी है कि प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के बावजूद वह एक कार तक नहीं खरीद पाए मगर बच्चों की जिद पर किस्तों में उन्होंने कार खरीदी। लोन पर खरीदी गई कार की किस्त भी नही चुका पाए। उनकी मौत के बाद पत्नी ललिता शास्त्री को मिलने वाले पारिवारिक पेंशन से बचे किस्तों का भुगतान किया गया।

गरीब तबके से आकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचकर भी उन्होंने सादगी नहीं छोड़ी : डॉक्टर संजीव कुमार

पटना एम्स के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और उनकी ईमानदारी साहस और सादगी भारत जीवन देश के राजनीतिज्ञों के लिए प्रेरणा और पाठ, सबक लेने के लिए है। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को हराया और पाकिस्तान को सबक सिखाया। अन्न उत्पादन बढ़ाने के लिए और किसानों के लिए उन्होंने अनेक कार्य किया । गरीब तबके से आकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचकर भी उन्होंने अपनी सादगी नहीं छोड़ी । सदियों तक उनकी प्रेरणा सबके लिए बनी रहेगी।

विद्यापति भवन में आयोजित शास्त्री जी की 119 वी जयंती समारोह के मौके पर स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत की जांच केंद्र सरकार से कराने को लेकर एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया । इस मौके पर उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश संजय प्रिया, अवकाश प्राप्त पुलिस महानिरीक्षक पी के दास,मोतिहारी के लोकसभा प्रत्याशी रह चुके राजनेता विनोद श्रीवास्तव,विचार मंच के वरीय उपाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और महासचिव पुष्कर श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किये ।

 

इस मौके पर मंच के अध्यक्ष अजय वर्मा ने युवा मंच की नयी टीम घोषित की जिसके कंधे पर शास्त्री जी के विचार घर घर पहुँचाने की जिम्मेदारी दी गयी । इस मौके पर दीपक कुमार, राकेश सिन्हा, राजीव रंजन, देवराज गुल्लू, रंजीत वर्मा, अनुराग, अश्वनी कुमार, लाला प्रकाश, रविश श्रीवास्तव, अमित कुमार, विजय श्रीवास्तव, रंजन सिन्हा, कमल नारायण श्रीवास्तव, हेमंत कुमार आदि मौजूद थे।

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