नवराष्ट्र नेशनल ब्यूरो

नई दिल्लीः देश में गैंग्स्टर नेटवर्क को खत्म किए जाने को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी चार संपत्तियों को देश के तीन राज्यों में जब्त किया है। इसमें तीन अचल व एक चल संपत्तियां हैं। एनआईए ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में यूएपीए के तहत जब्त किया है। एजेंसी ने इन संपत्तियों को अपराध के तहत अर्जित की हुई संपत्तियां मानी हैं।

इन संपत्तियों में लखनऊ के गोमती नगर स्थित सुलभ आवास योजना के तहत बने फ्लैट-77/4 (जिसका स्वामित्व गैंग्स्टर विकास सिंह के पास है।), अन्य दो संपत्तियां पंजाब के फाजिल्का (जिसका स्वामित्व दलिप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलिप बिश्नोई के पास है।) और फॉर्चुनर गाड़ी (जिसका स्वामित्व जोगिंदर सिंह पिता हुकुम सिंह निवासी यमुनानगर के पास है।)।

एनआईए की ओर से की जा रही जांच के दौरान जानकारी मिली कि विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का एक सहयोगी है जिसने आतंकी और पंजाब पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में शामिल आरोपियों को अपने यहां शरण दिया था। लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी गैंग्स्टर काला राणा का पिता जोगिंदर सिंह अपने नाम से पंजाकृत फॉर्चुनर का उपयोग गैंग्स्टरों को लाने और हथियारों को ढ़ोने में करता था। साथ ही दलिप सिंह की स्वामित्व वाली संपत्ति का उपयोग हथियारों व आतंकियों को छिपाने में किया जाता था। लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के खिलाफ एनआईए ने अगस्त 2022 में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोक अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया था।

एजेंसी की ओर से की गई जांच के अंतर्गत जानकारी मिली कि इस गैंग ने देश के विभिन्न राज्यों में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया था। यह नेटवर्क कई संगीन अपराध जैसे पंजाबी गायक सिद्धु मुसावाला हत्या मामले में शामिल था और कई फिरौती के मामले को भी अंजाम दिया था। एजेंसी की ओर से की गई जांच में यह भी उजागर हुआ कि ये आतंकी षडयंत्र पाकिस्तान व कनाडा व देश के विभिन्न जेलों से रचे जा रहे थे। इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए एनआईए ने पिछले कई महीनों से अपनी गतिविधि को तेज कर दिया है।

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