अगले 72 घंटे में ले सकते हैं कोई बड़ा निर्णय

बिहार में नीतीश कुमार जल्द ही लेंगे कोई बड़ा निर्णय
जदयू के विधायकों की बैठक शुरू
नीतीश कुमार ने अपने अगले सभी कार्यक्रम रद्द किए
पटना में राजनीतिक सरगर्मियां तेज
दिल्ली दरबार से वार्ता भी अंतिम दौर में
नाराज नीतीश को मनाने लालू तेजस्वी की कोशिशें शुरू

विश्वपति

नव राष्ट्र मीडिया

पटना।
बिहार में नए सिरे से सियासी तूफान की शुरुआत हो गई है। हालांकि इस तूफान की ताजा शुरुआत तो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने की । जब उनके ट्वीट से नीतीश कुमार खासे नाराज हो गए। वास्तव में उस ट्वीट के माध्यम से रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार के कल के भाषण का जवाब दिया। परिवारवाद से संबंधित आरोपों का भी जवाब दिया। उनके सभी संभावित कदमों पर कटाक्ष भी किया।
लेकिन इस ट्वीट के बाद शुरू हुआ डैमेज कंट्रोल का अभियान । नाराज नीतीश को मनाने फिर से तेजस्वी और लालू लगे। रोहिणी आचार्य के ट्वीट को हटाया गया । डिलीट किया गया ।
दूसरी ओर , शाम होते ही नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों को पटना बुलाकर बैठक शुरू कर दी। खबर लिखने तक बैठक जारी है । कल गणतंत्र दिवस समारोह भी है। देखना है कि अगले 72 घंटे में वह कौन सा फैसला लेते हैं , क्योंकि उन्होंने अपने अगले तमाम कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उन्हें कल झारखंड की एक जनसभा में भी भाग लेने जाना था , लेकिन उन्होंने उस कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया।
दिल्ली से भी नीतीश कुमार के साथ वार्ता का नया दौर जारी है। जदयू के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक खबर लिखने तक यह वार्ता रुक रुक जारी थी । लेकिन कोई अंतिम नतीजा नहीं निकला है।
इन सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार पाला बदल के बाद पुनः अपनी कुर्सी बचाए रखना चाहते हैं। साथ ही बिहार विधानसभा को भंग करके इसका चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ ही चाहते हैं । लेकिन पता चला है कि दिल्ली दरबार को उनकी यह पेशकश पसंद नहीं आई है। उनको पाला बदल के बाद सीएम की कुर्सी छोड़ने को कहा गया है, जिसके लिए वह तैयार नहीं हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी एक बिंदु पर लालू प्रसाद उनको समझाने बुझाने में सफल हो जाते हैं ,क्योंकि लालू जी उनको सीएम के पद पर बनाए रखना चाहते हैं।
दिल्ली से हर बिंदु पर वार्ता हो रही है , जिसमें मुख्य भूमिका केसी त्यागी एवं उनके साथियों की है । नीतीश कुमार का अब भी यही कहना है कि वह राज्य हित में कोई भी कदम उठा सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि आगामी 4 फरवरी को प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले सारी वार्ता पूरी हो जाएगी । वे बिहार के विकास के लिए कोई लंबा चौड़ा पैकेज की घोषणा भी करेंगे। अब यही देखना दिलचस्प है कि नीतीश कुमार अगर फिर पाला बदलते हैं तो वह 4 फरवरी के पहले होगा या फिर पूरे बजट सत्र तक के लिए टल जाएगा ।  जानकारों का मानना है कि इतना भी लंबा समय नहीं होगा। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी निरंतर सूचना दे रहे हैं कि बहुत जल्द खेला होबे।
उन्होंने आज भी अपने नवीनतम ट्वीट में नीतीश कुमार के संभावित पाला बदल की संभावना को पुष्ट किया है।
इसके पूर्व आज गुरुवार को बिहार सरकार के कैबिनेट की बैठक भी महज 20 मिनट में समाप्त हो गई । इस बैठक में भी नीतीश कुमार और तेजस्वी की दूरियां साफ दिखाई दीं। दोनों दलों के मंत्रियों के बीच भी रूखापन देखा गया। कई जरूरी एजेंडे पर मुहर नहीं लग सकी । नीतीश कुमार ने अपने सभी विधायकों के साथ आपातकालीन विचार विमर्श किया है। यह बैठक अभी जारी है। उन सबको अगले 72 घंटे तक पटना में ही रहने को कहा गया है।
उनके नये कदम को कई अन्य घटनाओं से भी बल मिल रहा है । शीर्ष जदयू नेता निरंतर राज भवन के संपर्क में हैं। राहुल गांधी की यात्रा से भी सीएम नीतीश कुमार ने दूरी बना ली है। अब बिहार में राहुल गांधी के किसी भी जनसभा में नीतीश कुमार भाग नहीं लेंगे, ऐसा जदयू सूत्रों का दावा है।
दूसरी ओर बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली के लिए रवाना हो गए । उनको भी नीतीश कुमार के संभावित किसी अगले कदम के मद्देनजर बुलाकर समझाया जा रहा है। बिहार के लिए अगले 72 घंटे खासे महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि जहां नीतीश कुमार अपने सभी वरिष्ठ नेताओं मंत्रियों के साथ आवास में गंभीर विचार विमर्श कर रहे हैं। वहीं लालू प्रसाद ने भी अपने खेमे के सभी नेताओं , मंत्रियों को बुला लिया है और वहां भी मंत्रणा चालू हो गई है। मालूम हो कि नीतीश कैबिनेट की बैठक सिर्फ 20 मिनट में खत्म हुई । बैठक में तेजस्वी यादव चुप रहे ,किसी से बात नहीं की।
नीतीश कुमार के कार्यकाल में ये सबसे छोटी कैबिनेट की बैठक थी। एक मंत्री ने बताया कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी समेत राजद के किसी मंत्री से कोई बात तक नहीं की। अधिकारियों ने तीन एजेंडों को रखा और उस पर सहमति की औपचारिकता निभायी गयी। नीतीश कुमार ने वहां रखे रजिस्टर पर साइन किया और निकल गये। ऐसे में महागठबंधन के टूटने और नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी की अटकलें और तेज हो गई हैं। हालांकि वरिष्ठ राजद नेता शिवानंद तिवारी ने यह दावा किया है कि महागठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लोकसभा का चुनाव लड़ेगा और भाजपा को परास्त किया जाएगा।

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