नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : मंगलवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से जनता दल (यू0) के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी बात रखी।
महत्वपूर्ण बिंदु:-
● बीतें दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय ने संविधान को बदलने की बात कही थी। इस कथन से सब यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री जी देश को अधिनायकवाद की तरफ लेकर जाना चाहते हैं। वर्ष 2021 में ही देशव्यापी जनगणना किया जाना था लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना का बहाना बनाकर इसको टालती रही है वहीं विश्वभर के 80 देशों ने कोरोना का प्रभाव कम पड़ने के बाद अपने यहां जनगणना के कार्य को सम्पन्न किया।
● भाजपा की सरकार जनगणना कराने के पक्ष में नहीं है मगर बिहार की सरकार ने अपने संसाधन से जातीय गणना कराने का निर्णय लिया। इसके माध्यम से सरकार लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आकंलन कर लाभकारी योजनाओं रोडमैप तैयार करेगी। ग़रीब, दलित, वंचित, अतिपिछड़ा, पिछड़ा एवं सवर्ण जातियों के मौजूदा हालात की जानकारी प्राप्त करने के बाद राज्य की सरकार उनके उत्थान व सशक्तिकरण हेतु अपने संसाधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करेगी। बिहार में भाजपा के नेताओं के पास इतनी साहस नहीं है कि वो जातीय करना का खुल कर विरोध कर सकें इसलिए अपने सहयोगी संगठनों के पीछे खड़े होकर जातीय गणना में अड़ंगा लगाने का प्रयास करते हैं। यूथ फॉर इक्वलिटी नामक एक संस्था जो भाजपा और आरएसएस के द्वारा संचालित होती है, उसने हाईकोर्ट जातीय गणगा के विरूद्ध याचिका दायर की थी मगर उन्हें माननीय न्यायालय द्वारा विफलता हाथ लगी।
● पहले तो भाजपा पर्दे के पीछे से जातीय गणना के विरुद्ध साजिश रची रही थी मगर अब केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने सर्वाेच्च न्यायालय ने स्वयं आकर कहा है कि वह याचिकाकर्ता के तरफ से अपनी बात रखना चाहते हैं यानी भाजपा अब खुलकर जातीय गणना के विरुद्ध सामने आ गई है। भाजपा के इस आचरण से उनका गरीब विरोधी, अति-पिछड़ा विरोधी, दलित विरोधी और वंचित जनता के सामने उजागर हो चुका है।
● हाल में ही सीएजी की रिपोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। मोदी सरकार ने ना कहेंगे ना खाने देंगे का वादा किया था मगर आयुष्मान भारत योजना के आड़ में सरकार करोड रुपए का भी रही है और अपने कारपोरेट जगत के मित्रों को खिला भी रही है। संविधान की प्रस्तावना में इस बात का जिक्र है यह देश एक समाजवादी विचारधारा पर चलने वाला देश है, हमारे यहां उद्योगपतियों की सरकार नहीं हो सकती है मगर मोदी सरकार देश के सरकारी उपक्रमों को कारपोरेट जगत के हाथों ओने पोने पर दामों में बेच रही है। इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि भाजपा संविधान बदलने पर आमादा है।
● जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने अभी तक उसे प्रदेश में चुनाव नहीं करवाया है, विगत 4 वर्षों से केंद्र सरकार अपने कठपुतली के माध्यम से जम्मू कश्मीर को नियंत्रित कर रही है। लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित किए बगैर किसी भी राज्य का समुचित विकास संभव नहीं है अगर भाजपा सचमुच जम्मू कश्मीर को बेहतर दिशा में आगे बढ़ते हुए देखना चाहती है तो यह आवश्यक है जम्मू कश्मीर में चुनाव कराया जाए और जनता को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित हो। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय हित की बात कहती है मगर उसका आचरण इसके बिलकुल विपरीत है पुलवामा में 40 जवानों की शहादत के बाद मोदी सरकार ने उन शहीदों के नाम पर राजनीति कर 2019 में अपनी सरकार बनाएगी यह बात भाजपा द्वारा नियुक्त तत्कालीन गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कही है अगर उनकी बात गलत है तो सरकार सत्यपाल मलिक पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है?
● लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और प्रेस की स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण अंग है। भाजपा ने विधायिका को समाप्त कर दिया जिसका एक उदाहरण दिल्ली की सरकार है, न्यायपालिका में भी सरकार लगातार हस्तक्षेप कर रही है और अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है, कार्यपालिका को भी सरकार मनमाने ढंग से नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है, आज देश में प्रेस की स्वतंत्रता लगभग खत्म हो चुकी है 70 फ़ीसदी प्रेस आज सरकार समर्थित कॉरपोरेट घरानों के अधीन है। आज देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है।