17 महीने 17 दिन के शासनकाल की झूठी उपलब्धियों का ढोल पीट रहे तेजस्वी

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना :  आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अगर अपने 17 महीने 17 दिन के शासनकाल के दौरान राज्य में लाखों नियुक्तियों का झूठा क्रेडिट ले रहे हैं, तो उन्हें साल 2017 के 20 महीने 6 दिन के आरजेडी शासनकाल को भी याद करना चाहिए और जनता को ये बताना चाहिए कि आखिर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति पर चलने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता क्यों दिखा दिया था।

युवाओं को नौकरी देने का दावा करने वाले तेजस्वी यादव को साल 2015 से साल 2017 के दौरान माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सरकार में अपना 20 महीने का शासनकाल याद नहीं आया, जब उस दौरान सरकार में काम करने की बजाए अपने परिवार के भ्रष्टाचार को दबाने में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव लगे रहते थे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को उस 20 महीने 6 दिन के शासनकाल का भी व्यौरा भी जनता को देना चाहिए और बताना चाहिए कि किस तरह वो और उनके पिता भ्रष्टाचार की लीपापोती करना चाह रहे थे।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के दावों पर निशाना साधते हुए ये बातें जद(यू) के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता और विधानपार्षद श्री नीरज कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि ये माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की ‘सात निश्चय पार्ट टू’ योजना का ही परिणाम है कि, आज बिहार में अलग-अलग विभागों में लाखों युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं और हजारों युवाओं को नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है। आरजेडी नेता से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि अगर उन्हें युवाओं को नौकरी देने की इतनी ही फिक्र थी तो साल 2015 से लेकर साल 2017 तक राज्य सरकार में शामिल रहे तेजस्वी यादव को उस दौरान युवाओं को नौकरी देने की बात क्यों याद नहीं आ रही थी?

उन्होंने तेजस्वी यादव से उनके कथित दावों को लेकर गंभीर सवाल पूछे:

1. क्या ये सही नहीं है कि नवंबर 2015 से लेकर जुलाई साल 2017 तक माननीय नीतीश कुमार की सरकार में शामिल होने वाले तेजस्वी यादव महज मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कर रहे थे और राजनैतिक आदेशपाल की तरह काम कर रहे थे?
2. क्या ये सही नहीं है कि नवंबर साल 2015 से लेकर जुलाई साल 2017 तक जब आप गठबंधन सरकार में शामिल थे तो उस दौरान भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरियां दी जा रही थी?
3. क्या ये सही नहीं है कि साल 2015 से लेकर साल 2017 के दौरान भी  नीतीश कुमार की सरकार में युवाओं को नौकरियां दी जा रही थीं, लेकिन आप उस मामले की चर्चा इसलिए नहीं करना चाह रहे थे कि उस दौरान आपके परिवार के भ्रष्टाचार की बात हो रही थी?
4.क्या ये सही नहीं है कि साल 2015 से लेकर साल 2017 तक, जबतक आप गठबंधन सरकार में शामिल थे उस दौरान आपने बिहार में विकास के कामों की बजाए अपने परिवार के भ्रष्टाचार को ढंकने की कोशिश की?

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को 17 महीने 17 दिनों के शासनकाल के दावे और आंकड़े तो याद हैं, लेकिन साथ ही उनको ये भी बताना चाहिए कि उनके पिता और माता के शासनकाल में युवाओं को कितनी नौकरियां और रोजगार मिला? उन्होंने कहा कि आज ये माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि राज्य में युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरी मिल रही है और उनके चेहरों पर खुशियां छाई हैं।

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