बेरमो फुसरो के मेघदूत सिनेमा हॉल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साथ शिक्षा मंत्री ने फिल्म मैडम गीता रानी देखी

जफर इमाम
रांची : हाल के वर्षों में हिन्दुस्तानी फिल्मों में बायोपिक फिल्मों को बनाने का एक दौर चला है और लोग बायोपिक फिल्मों को पसंद भी कर रहे हैं । इस तरह की फिल्मों में ज्यादातर किसी क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले इंसान की जिंदगी के किरदार को कलाकार निभाते हैं लेकिन कभी कभार कोई फिल्म भी अपनी अमिट छाप लोगों के जेहन में छोड़ जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ । उनके जेहन में साउथ की एक फिल्म मैडम गीता रानी ने अमिट छाप छोड़ा है। इसमें एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल के किरदार ने उन्हें मुतास्सिर कर दिया है कि किस तरह वे निजी स्कूल माफिया के साथ साथ राजनेताओं , दबंगों और भ्रष्ट पदाधिकारियों , शिक्षकों का मुकाबला कर सरकारी स्कूल को एक मुकाम दिलाती हैं ।इसी सोच को झारखंड के शिक्षा मंत्री भी धरातल पर उतारना चाहते हैं ।
इसको लेकर उन्होंने बेरमो फुसरो के मेघदूत सिनेमा हॉल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साथ फिल्म मैडम गीता रानी देखी और शिक्षकों को उस किरदार की तरह बनकर सरकारी स्कूल को संवारने -निखारने की नसीहत दी ।साथ ही कहा कि किसी भी समाज या देश के निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती है।

फिल्म से ही प्रेरित होकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो अपने स्तर से सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर बेहतर करने की दिशा में प्रयत्नशील हैं । उसी दिशा में एक छोटी सी पहल करते हुए उन्होंने चन्द्रपुरा के भंडारीदह में बोकारो जिला शिक्षा जागरूकता अभियान की शुरूआत की। उन्होंने मोबाइल वैन को रवाना किया । वैन जिला के सरकारी स्कूलों में जाकर वहां की मूलभूत सुविधाओं को दुरूस्त करेगी और इसके लिए प्रेरित करेगी।

शिक्षा मंत्री के इस प्रयास से सरकारी स्कूलों की दशा दिशा में सुधार होकर झारखंड एक मिसाल बन सकता है। बनिस्पत कि सरकारी अधिकारियों , शिक्षकों के साथ आम जनता भी इस सोच को अंजाम तक पहुंचाने के लिये खुद आगे आये।

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