केंद्रीय सरकार बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत करने वाले पहलवानों के विरुद्ध ही काम कर रही है!

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच केंद्र सरकार की घोर पक्षपात की नीति की निंदा करते हुए सक्रिय रुप से विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान करता है

नव राष्ट्र मीडिया
पटना।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच पिछले एक महीने से अधिक समय से न्याय की मांग कर रही महिला पहलवानों के दिल्ली पुलिस द्वारा क्रूर दमन की एक स्वर से निंदा करता है। आज जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि
28 मई, को पुलिस की कार्रवाई चरम पर चौंकाने वाली थी, स्पष्ट रूप से अलोकतांत्रिक, मनमानी और जाहिर तौर पर केंद्र सरकार के आदेश पर। यह चौंकाने वाली बात है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, जिन पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिनमें से एक नाबालिग है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद उसे छुआ नहीं जा रहा है।
महिला पहलवानों ने हमारे पितृसत्तात्मक समाज में सामाजिक कलंक को झेलते हुए उसके खिलाफ शिकायत करने की बहुत बड़ी हिम्मत की है।
यह उसी तारीख को “नई संसद” के नाम पर खेले गए झांसे और “सेंगोल” के नाटक को भी उजागर करता है, जबकि सेंगोल आम लोगों के लिए न्याय का प्रतीक है।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 1 जून, 2023 को देश भर में बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने के लिए, और कुछ कम नहीं के समन्वित विरोध कार्रवाई के हमारे किसान भाइयों के आह्वान का केंद्रीय यूनियनों का संयुक्त मंच तहे दिल से स्वागत करता है।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच अपनी सभी यूनियनो को अपने इलाके में किसान यूनियनों और अन्य लोकतांत्रिक जन संगठनों के साथ तुरंत संपर्क करने और 1 जून को बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने और दिल्ली पुलिस द्वारा केंद्र सरकार के आदेश पर महिला पहलवानों पर
क्रूर दमन की निंदा करते हुए सक्रिय विरोध करने का आह्वान करता है।

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