Ex mlc ranbir nandan

vijay shankar

पटना : पूर्व विधान पार्षद प्रो0 रणबीर नंदन ने गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज को लेकर केंद्र सरकार के स्तर पर नियम बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कैंसर एवं किडनी जैसी गंभीर बीमारी के बाद परिवार बिखर जाते हैं। लोग आर्थिक रूप से टूट जाते हैं। ऐसी बीमारियों के संपूर्ण इलाज के लिए केंद्र सरकार को अपने स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। प्रो0 नंदन ने कहा कि अभी तक कैंसर, किडनी से जुड़े रोग और हार्ट रोगों के लिए विशेष रूप से कोई प्रावधान सरकारों के स्तर पर नहीं किया गया है। ये रोग लाइफस्टाइल के कारण हो रहे हैं। हर वर्ग के लोगों में इस प्रकार के रोगों का प्रभाव दिख रहा है। ऐसे में जरूरत है कि ऐसे रोगों से ग्रस्त लोगों का इलाज मुफ्त में कराया जाए। केंद्र और राज्य सरकार को इस पर अपनी नीतियां बनानी चाहिए और किडनी ट्रांसप्लांट एवं कैंसर के मरीजों को मुफ्त दवा देने का प्रावधान करना चाहिए!

प्रो0 रणबीर नंदन ने कहा कि बिहार में वर्ष 2014 के बाद से लगातार कैंसर से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़ा है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में वर्ष 2014 में 59,431 मौतें कैंसर के कारण हुई थी। वर्ष 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 62,651 पर पहुंच गया। वर्ष 2016 में 66,040, वर्ष 2017 में 69,607, वर्ष 2018 में 73,361, वर्ष 2019 में 73,781, वर्ष 2020 में 74,142, वर्ष 2021 में 74,894 और वर्ष 2022 में 75,489 मौतें कैंसर रोग के कारण हुई हैं। वर्ष 2023 में लगभग 76 हजार लोगों की कैंसर के कारण मौत हो चुकी है। ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं। इसमें से अधिकांश मौतें उचित इलाज का अभाव के कारण हुई हैं।

प्रो0 नंदन ने कहा कि देश की पूरी आबादी में 17 प्रतिशत मरीजों में किडनी की समस्या है। इनका इलाज डायलिसिस एवं ट्रांसप्लांट है। बिहार में भी किडनी मरीजों की संख्या 17 प्रतिशत से भी अधिक है। बिहार में 15 लाख से अधिक बच्चे किडनी रोग से पीड़ित हैं। यह एक भयावह स्थिति है और इससे निबटने के लिए बहुस्तरीय योजनाओं का निर्माण व क्रियान्वयन बेहद जरुरी है।

प्रो0 नंदन ने कहा कि सरकार के स्तर पर मदद मांगने वालों को मदद की जाती है। लेकिन, मुफ्त इलाज और प्रभावी डिटेक्शन तकनीक को लागू किए जाने से इस प्रकार के रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। कैंसर एवं किडनी जैसे रोग के मरीजों को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना होता है, क्योंकि इसका इलाज काफी महंगा है। ऐसे में अच्छे परिवार भी इस रोग की चपेट में आने के बाद तबाह हो रहे हैं। ऐसे में सरकार की जवाबदेही बनती है कि इस प्रकार के रोगियों का उचित और सस्ती दर पर इलाज की सुविधा को मुहैया कराए, और दवाईयाँ मुफ्त की जाए! किडनी और हृदय रोग की समस्या काफी ज्यादा बढ़ रही है। समय रहते इसका निदान आवश्यक है!

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