सुबोध,
किशनगंज । एक ऐजेंसी के आंकड़ों के अनुसार किशनगंज औऱ जहानाबाद को छोड़कर बिहार की सभी 38 सीटें एनडीए के खाते में जा रही हैं। किशनगंज में फिर से कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहेगा। कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद आजाद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की लाज बचाई थी। इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें उतारा है। एजेंसी के सर्वे के अनुसार जावेद आजाद एनडीए के जेडीयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम को पराजित करके किशनगंज जीतकर इंडिया गठबंधन की झोली में डालेंगे। जहानाबाद में जेडीयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी चुनाव हार रहे हैं। राजद के उम्मीदवार सुरेंद्र यादव यह सीट निकाल लेंगे। पिछले चुनाव में मात्र 1751 वोटों से वह चुनाव हार गए थे। उनकी जीत से बिहार में राजद का खाता खुलता दिख रहा है। हालांकि जहानाबाद में बीएसपी से पूर्व सांसद अरुण कुमार भी चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐजेंसी के अनुसार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की दोनों बेटियां मीसा भारती और रोहिणी आचार्या अपनी अपनी सीटों से लोकसभा चुनाव हार रही हैं। बड़ी बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र में बीजेपी के रामकृपाल यादव और छोटी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट पर बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से मात मिलती दिख रही है। काराकाट की चर्चित सीट पर पवन सिंह भी चुनाव हार रहे हैं। इससीट पर एनडीए उम्मीदवार और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जीतते दिखाई पड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि किशनगंज लोकसभा आम चुनाव 2024 में कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान है और तीन प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस (इंडिया गठबंधन)के डॉ जावेद आजाद, एनडीए समर्थित जदयू के मास्टर मुजाहिद आलम तथा एआईएमआईएम के प्रत्याशी अख्तरूल इमान के कांटे टक्कर रही। जिसमें से स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी बिहार में फिर एक बार पार्टी का मान किशनगंज लोकसभा सीट से रखने जा रही है।
