सुबोध,
किशनगंज 06 जून ।बिहार के सीमावर्ती जिला किशनगंज में गुरूवार को जगह-जगह वटसावित्री व्रत का पूजन वटवृक्ष के नीचे विधि-विधान से की गयी।इस अवसर पर उतर पाली पुलिस लाइन दुर्गा मंदिर के करीब स्थित वटवृक्ष की पूजन करने बिहार महिला पुलिस की सुहागनों ने वटसावित्री व्रत रखकर वटवृक्ष की विधि-विधान से पूजन की।जहां एक ओर महिला पुलिस विभागीय फर्ज को पूरा करने में लगी करती है वहीं दुसरी ओर आज पतिव्रता नारी के रूप में अपने पति के लिए लम्बी आयु एवं अखंड सुहागन रहने की कामना लेकर वटवृक्ष की पूजन की।यहां इस क्षेत्र में एक ही बुढ़ा वरगद का पेड़ है और दिनभर इस पेड़ के नीचे सुहागन महिलाओं की पूजन के लिए तांता लगी रहती हैऔर बारी-बारी से वटवृक्ष की पूजन कर धागा बांधते हुए वृक्ष का फेरा भी लगाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार लकड़ी काटने के दौरान सावित्री के पति सत्यवान का अल्प आयु समाप्त होते ही यमराज उनके पति सत्यवान के प्राण हर कर लें जाने लगते हैं ।लेकिन तभी सावित्री ने यमराज को रोकते हुए कहा कि आपका दिया वरदान पूरा कैसे होगा, जब आपने मेरे पति के प्राण ही हर लिए हैं। पतिव्रता स्त्री को देखकर यमराज ने सावित्री के पति सत्यवान के पति का वापस लौटा दिए। यमराज के कहने पर सावित्री घर के पास मौजूद वट वृक्ष के पास लौटी, तो वहां पर सत्यवान के मृत शरीर में वापस प्राण आ गए।तब से लेकर‌ हर साल जेष्ठ आयमस्य को वटसावित्री व्रत मनाया जाने लगा है।

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