सुबोध, किशनगंज
किशनगंज । भूतनाथ गौशाला विवाद मामले में जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने संज्ञान में लेकर गठित पांच सदस्य टीम को जांच का आदेश दिया है और मामले में जांच भी शुरू हो चुकी है। वही सोमवार को मुख्य पार्षद नगर परिषद किशनगंज के इन्द्रदेव पासवान ने जिलाधिकारी के आदेश स्वागत योग्य बताया और उन्होंने बड़ा खुलासा कर कहा कि भुतनाथ गोशाला की साढ़े तीन सौ एकड़ जमीन में से आधी से अधिक जमीन पर अतिक्रमण बरकरार, जबकि यह उच्य न्यायालय के आदेश का अवमानना है। जानकारी के मुताबिक गौचर भूमि पर से अतिक्रमण हटाने का आदेश उच्च न्यायालय पटना द्वारा पूर्व में ही पारित है क्योंकि गौचर भूमि मात्र गौ सेवा के लिए दी गयी है।लेकिन आज भी गौचर भूमि पर लीज यानि अतिक्रमण बरकरार है।
मुख्य पार्षद इन्द्रदेव पासवान ने कहा जिला प्रशासन के गठित जांच दल के अधिकारियों का ध्यान उक्त दिशा में भी आकृष्ट करना चाहता हूं । उन्होंने कहा कि भुतनाथ गौशाला कमेटी के द्वारा सैकड़ों एकड़ जमीन को नियमों की धज्जी उड़ाते हुए चाय बागान इत्यादि को लीज पर दे दिया गया है। आशा है जिलाधिकारी जांच के बाद न्योचित कार्यवाही जरूर करेंगे और संबंधित मामले में सभी दोषी पर कार्रवाई जरूर होगी।
उल्लेखनीय है कि विश्वस्त सूत्र के मुताबिक वर्ष 2019 में भूतनाथ गौशाला के तत्कालीन प्रबंधक हरिचन्द्र ¨साह के अनुसार
गौशाला के पास कुल 241.53 एकड़ जमीन है। जिसमें 162.12 एकड़ जमीन लीज पर दिया गया है जिससे गौशाला को प्रतिवर्ष 12 से 14 लाख रुपये आय आता है। गौशाला में मवेशी के चारा के लिए प्रतिमाह 1.5 लाख से दो लाख रुपये खर्च होता है, जो चंदा एवं लीज पर दिए गए जमीन से होने वाले आय से खर्च किया जाता है। इसके अलावा जब्त मवेशी को भी यहीं रखा जाता है ।जिसके चारे की व्यवस्था गौशाला कमेटी को ही करना पड़ता है। सरकार द्वारा कुछ वर्ष पूर्व पांच एवं एक लाख की राशि शेड बनाने के लिए दी गई थी। उसके बाद अब तक सरकार के द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया है। गौशाला में एक छह लेबर, एक लेखापाल एक प्रबंधक काम करते है।

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