सुबोध, ब्यूरो किशनगंज
किशनगंज । कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सहयोगी संस्था राहत , चाइल्ड हेल्पलाइन, जीआरपी एवं आरपीएफ के संयुक्त अभियान में किशनगंज
रेलवे स्टेशन पर मानव तस्कर के चंगुल से 13 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया गया । यह जानकारी राहत सचिव डॉ फरजाना बेगम ने दी। उन्होंने कहा कि इस दौरान भीड़ और अंधेरे का फायदा उठाते हुए तस्कर गैंग फरार।मुक्त हुए नाबालिगों से प्राप्त जानकारी के आधार पर जब उनके अभिभावकों से चाइल्ड हेल्पलाइन अधिकारी ने बात की तो स्पष्ट हो गया कि इन नाबालिगों को मानव तस्कर गैंग द्वारा बहला फुसलाकर ले जाया जा रहा था ।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सहयोगी संस्था राहत के जिला समन्वयक विपीन बिहारी ने बताया कि मुक्त नाबालिगों से पूछ-ताछ के क्रम में तस्कर भीड़भाड़ और अंधेरे का फायदा उठाते हुए फरार हो गया। मानव तस्कर के चंगुल से मुक्त 13 नाबालिग अररिया एवं पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।
सभी बच्चों को आज बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, समिति के आदेश से अररिया और पश्चिम बंगाल के बच्चे को चिकित्सकिय जांच उपरांत कटिहार आवासित करने की प्रक्रिया की जा रही है वहीं किशनगंज के बच्चे को उनके अभिभावक को सुपुर्द करने की कागजी प्रक्रिया की जा रही है।वही कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सहयोगी संस्था राहत के सचिव डॉ फरजाना बेगम ने बताया कि बच्चों को बहला -फुसलाकर या लालच देकर मानव तस्कर सफल हो रहें हैं तो कहीं न कहीं हमारे समाज में अशिक्षा और जागरूकता का आज भी अभाव है। जबकि शैक्षणिक विकास में सरकार की ढेर सारी योजना चल रही है।वही विधिक सलाहकार पंकज झा ने कहा कि बच्चों का पलायन की इस घटना से शर्मशार हूं । उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में सरकार के विभिन्न योजनाओं में 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य और मुक्त शिक्षा भी उपलब्ध है। अभिभावक इस योजना में अपने बच्चों का भविष्य संवारने के बजाय बच्चों के भविष्य किसी दलाल हाथों सौंप देते हैं।जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस पूरे घटनाक्रम में राहत सहयोग जिला समन्वयक विपिन बिहारी, फील्ड सहायक विकास राय चाइल्ड हेल्पलाइन के समन्वयक मनोज कुमान,कुंदन कुमार आरपीएफ, जीआरपी की माहिती भूमिका रही।

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