सुबोध,
किशनगंज। बिहार के किशनगंज जिले में कोचाधामन प्रखंड क्षेत्र के महानंदा नदी पर वर्षों पुरानी मौजाबाड़ी पुल हादसे को दे रही है आमंत्रण, पुल पर हर रोज लगती है भीषण जाम पुल के आर-पार दोनों ओर करीब आधे किलोमीटर तक लगी रहती छोटी- बड़ी वाहनों की लंबी -लंबी कतार ।कछुए की चाल में रेंगती वाहनों से पुल पर होते हैं कंपन।पुल पर कंपन के कारण वाहन सवार हो जाते हैं भयभीत। करीब छह दसक पुरानी पुल की हालत भी चिंताजनक हो गयी है।
यह बड़ा सवाल है कि हर रोज इस पुल पर भीषण जाम लगती है । क्योंकि जिले के कुल सात प्रखंडों में से चार प्रखंड जिसमें कोचाधामन, बाहदुरगंज, दिघलबैंक एवं टेढ़ागाछ प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए एक मात्र महानंदा नदी पर यह मौजाबाड़ी पुल है। इसलिए इस पुल से होकर हजारों की संख्या में छोटी-छोटी बड़ी वाहन आवागमन करती है।जिसमें सवारी एवं मालवाहक वाहन भी शामिल होते हैं। यह पुल काफी पुरानी हो जाने के कारण शायद वर्तमान में भार वहन करने की क्षमता भी कम हो गयी हो। करीब 60 साल से भी अधिक पुरानी पुल है।ऐसी स्थिति में क्षमता से अधिक भार के वाहन का परिचालन भी बड़ा सवाल है।कभी भी भयानक हादसा हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के भी संज्ञान में यह बात है कि पुल कमजोर हो चुकी है ।वर्ष 2019 में तत्कालीन एसडीएम शाहनवाज अहमद नियाजी ने भी माना था कि पुल कमजोर हो चुकी है ।जो चिंता का विषय है । अर्थात कभी भी बड़ा हादसा भी हो सकता है ।उसके कुछ दिनों बाद ही भारी वाहन का परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी और पुल का मरम्मत के बाद फिर सभी प्रकार के वाहनों की परिचालन शुरू हुयी तो आज तक जारी है।वहीं, तत्कालीन कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम ने कहा था कि इस पुल को लेकर बात सदन में रखी गई है। सारी प्रक्रियाएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी। इस पुल के समानांतर जल्द ही नये पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। लेकिन तत्कालीन विधायकजी का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में आज तक पड़ी हुई प्रतीत होती है।
