सुबोध, ब्यूरो किशनगंज
किशनगंज । शहर के लाइन मुहल्ला में जिला परिषद के मैदान में एक दिवसीय शिव गुरू महोत्सव का आयोजन किया गया।महागुरू महादेव की दया से नागेश्वर मंडल द्वारा विधिवत् शिवगुरू वंदना से चर्चा का शुभारंभ किया गया ।
वही शिव शिष्यों ने चर्चा के माध्यम से कहा कि आपके भी गुरू शिव हो सकते हैं।इसी सत्ता यानि महेश्वर शिव को किसी ने गोंड ,किसी ने खुदा , किसी ने वाहे गुरू और किसी ने ईश्वर कहां है। वह परमात्मा एक है। हम सभी उन्ही के द्वारा संचालित है और मेरे जीवन को वही सही राह भी प्रदान करेंगे। ऐसे गुरू शिव से यदि मेरा जुड़ाव हो जाए तो हम भाग्यशाली हैं ।क्योंकि उनकी इच्छा से ही शिव के शिष्य हो रहें हैं।वर्ना उनके(शिव) इच्छा के बिना धरती पर पता भी नहीं हिल सकता है।
शिव शिष्यता के जनक साहब श्री हरीन्द्रानंद ने अपने जीवन के अंतिम कालखंड में जन -जन को एक संदेश दिया कि आओ चलें शिव की ओर।इसी कड़ी को आगे बढ़ाने का प्रयास मात्र है शिव गुरू की चर्चा।ताकि जो भी लोग अभी तक शिव को गुरू नहीं बना सके हैं।उनके जीवन में भी शिव गुरू की दया मिलें।शिव गुरू की दया तभी संभव है जब हम शिव के शिष्य के रूप अपने नामों की घोषणा करा लेंगे और अपना शिव भाव देंगे।
सुबोध साहा ने बताया कि आज शिव शिष्यता एक मात्र विकल्प है ।लोग लौकिक जीवन में अनेकों गुरू का सानिध्य प्राप्त करते हैं। लेकिन अध्यात्म में गुरू एक ही हो सकते हैं।शिव से अच्छा गुरू कौन हो सकता है क्योंकि वह तो भगवान ही हैं अगर भगवान शिव मेरा गुरू हो रहा है तो मेरा सौभाग्य है अन्यथा उनके इच्छा के बिना तो एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है ।हम उनके इच्छा से शिव के शिष्य हो रहें।
इसी अवसर पर सैकड़ों शिव शिष्यों की उपस्थिति रही।हिंना देवी,अतावरी देवी,पिंकी देवी, सरस्वती देवी,सविता देवी,रामनाथ शर्मा इत्यादि ने भजन व चर्चा के माध्यम से शिव को गुरू बनाने का संदेश दिया।
आदि शिव शिष्यों ने शिव को गुरू बनाने की बातें की।
ओरगन पर दिलशान,नाल बादक कमल एवं पेड पर दीपक की संगीत दैकर भजन को आनंदित किया।