सुबोध, ब्यूरो किशनगंज
किशनगंज 20 सितम्बर । बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर सपत्नीक शुक्रवार को अपराह्न् में किशनगंज पहुंचने पर भ्रमण कार्यक्रम के दौरान जिले के ऐतिहासिक बुढ़ीकाली बाड़ी में मां काली का दर्शन कर वैदिक रिति अनुसार पूजा अर्चना की।यहां मंदिर के पुजारी मलय चक्रवर्ती ने वैदिक मंत्रोंचारण के साथ महामहिम राज्यपाल एवं उनकी पत्नी को पूजन कराया। महामहिम राज्यपाल का मंदिर में प्रवेश के दौरान मंदिर समिति के महिला मंडल द्वारा शंख ध्वनि से स्वागत किया गया।
इस दौरान जिलाधिकारी विशाल राज एवं पुलिस अधीक्षक सागर कुमार के अगुआई में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए।इसके पूर्व महामहिम राज्यपाल को जिला प्रशासन द्वारा हवाई अड्डे पर ही गाद ओफ ओनर दी गई। सर्वप्रथम सदर प्रखंड के चकला आदिवासी टोला के कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल शिरकत किए।उसके बाद ऐतिहासिक बुढ़िकाली बाड़ी पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है जिले का ऐतिहासिक बुढ़ीकाली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुसरे कार्यकाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बुढ़ीकाली बाड़ी में मां काली का दर्शन एवं विधिवत् पूजा अर्चना कर चुके हैं । इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी यहां मां काली का दर्शन एवं पूजा में शामिल हो चुके हैं।
बता दें कि श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी का कोई यहां विशेष मनोरथ से आता है तो उसे खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता। कहा जाता है कि मां काली की शरण में आने से उसका काम पूरा हो जाएगा। ये मंदिर अपार शक्ति का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर सिद्ध है और इसमें अनंत शक्ति विद्यमान है। बूढ़ी काली मंदिर में सच्चे मन से पूजा करने पर मां काली भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। बताया जाता है कि नवाब असद रजा ने मां काली के इस मंदिर के लिए जमीन दान किया था।मंदिर भवन में इसके स्थापित होने की तारीख भले ही साल 1902 दिया गया है, लेकिन यह मंदिर उससे भी काफी पुराना बताया जा रहा। 1902 के सर्वे में इस मंदिर के मौजूद होने की पुष्टि की गई। जिसका मतलब है कि इसकी स्थापना 1902 से पहले हुई थी।