नवराष्ट्र नेशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली : आज बृहस्पतिवार 17 अगस्त को चंद्रयान-3 का लैडर मॉडल्स सफलतापूर्वक अलग हो गया है । अब 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होनी है जिसकी प्रतीक्षा पूरा देश कर रह है । चंद्रयान 3 की साफ्ट लैन्डिंग 23 अगस्त को शाम 5.47 मिनट पर होना तय है । उल्लेखनीय है कि चंद्रयान -3 को 14 जुलाई को चांद पर लैंडिंग के लिए रवाना हुआ था । 600 करोड रुपए की लागत से बनाये गए चंद्रयान-3 को कुल 41 दिनों की यात्रा करनी है । उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-2 सितंबर 2019 को सफलतापूर्वक पहुंच गया था मगर सॉफ्ट लैंडिंग के समय थोड़ा दूर ही वह रुक गया था । इसके बाद से लगातार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपनी तैयारी में लग गया था जिसका सफल परीक्षण और सफल यात्रा अंतिम चरण में है ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों की मानें तो चंद्रयान -3 से चन्द्रमा अब सिर्फ 150 किमी दूर रह गयी है और पिछली असफलता से सबक लेते हुए ऐसा बनाया गया है कि इंजन फेल होने पर भी चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग संभव हो सकेगी । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और स्पेसक्राफ्ट के ऑर्बिट में 100 किमी x 30 किमी पहुंचने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होती है । लैंडर लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा की सतह तक जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करता है ।
ISRO चीफ एस. सोमनाथ का कहना है कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा अगर इसका इंजन फेल भी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी ।
इसरो चीफ का कहना है कि भले ही सभी सेंसर और दो इंजन काम करने में विफल हो जाएं, फिर भी सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित की जाएगी ।
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को यात्रा शुरू किया और 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में एंट्री की थी । इसके बाद 9 अगस्त, 14 अगस्त और 16 अगस्त को ऑर्बिट का परिवर्तन किया ताकि 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सके ।
इधर चंद्रयान-3 से सफलतापूर्वक विक्रम रोवर के अलग होने पर देशवासियों ने जलेबियां बांटकर ख़ुशी मनाई । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के नेता विश्वरूपम ने अपने मित्र सुधीर को जलेबी खिलाकर खुशियां मनाई।