रामनवमी पर लालू यादव ने शुरू किया चुनाव प्रचार ,
पहले चरण में राजद के किसी उम्मीदवार का नहीं किया प्रचार, अब बेटी के लिए मांग रहे हैं वोट

विश्वपति
पटना।
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने बुधवार को रामनवमी के मौके पर चुनाव प्रचार शुरू किया। लंबे समय तक बीमार रहने के कारण वह अभी भी कमजोर और अस्वस्थ हैं । बावजूद इसके, उन्होंने चुनाव प्रचार शुरू किया।
वे राजद उम्मीदवार और अपनी बेटी रोहिणी आचार्य के लिए चुनाव प्रचार करने पत्नी राबड़ी देवी के साथ सारण गए. सारण से ही लालू यादव ने अपनी सियासी पारी शुरू की थी और अब उनकी बेटी रोहिणी भी पहली बार सारण सीट से ही सियासी किस्मत आजमा रही हैं .
पिता के लिए किडनी दान देकर सुर्खियों में आई अपनी लाडली बेटी को जीत दिलाने के लिए जन सम्पर्क अभियान पर अब खुद लालू यादव निकले हैं. यह बात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुद आज दोपहर पत्रकारों को बतायी। रोहिणी आचार्य ने पिछले साल ही किडनी दान देकर लालू प्रसाद की जान बचाई थी। जिसके बाद उनके सिंगापुर में उपचार हुआ था.
राजद के शीर्ष सूत्रों के अनुसार बेटी के ऐसे अनमोल दान का ऋण उतारने के लिए ही लालू प्रसाद ने उसको चुनावी टिकट दिया। अब रोहिणी को जीत दिलाने के लिए उन्होंने खुद प्रचार का बीड़ा उठाया है.
सारण में रोहिणी आचार्य का मुख्य मुकाबला भाजपा के राजीव प्रताप रुड़ी से है. रुड़ी यहां से लगातार दो चुनाव जीत चुके हैं.
राजीव प्रताप रुड़ी को इस बार लालू यादव की बेटी से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है. राजद के लिए सारण इस बार प्रतिष्ठा की सीट है. यहां से लालू यादव की बेटी के चुनाव मैदान में होने से पूरी पार्टी ने भी यहां अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। लालू ने इस प्रतिष्ठा की लड़ाई वाली सीट पर बेटी को उतार कर तमाम सहानुभूति वोटो का हकदार बना दिया है. वे जगह-जगह खुद अपनी बेटी से लोगों को परिचय कराते हैं और उसके द्वारा दिए गए किडनी दान के महत्व के विषय में भी लोगों को बताकर काफी भावुक और संवेदनशील कर देते हैं। उनके साथ रावड़ी देवी भी रहती हैं। इससे महिलाओं में भी काफी आदर सम्मान और सहानुभूति देखा जा रहा है।
दरअसल, इस बार के लोकसभा चुनाव में राजद 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. पाटलिपुत्र और सारण में लालू यादव की दो बेटियां मीसा भारती और रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में है. इसलिए इन दोनों सीटों पर लालू यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव की चुनावी सक्रियता कम होने की जो बातें थी उस पर एक तरह से उन्होंने चुनाव प्रचार में उतरकर विराम लगा दिया.
हालांकि लालू यादव ने पहले चरण के चुनाव में जमुई, नवादा, गया और औरंगाबाद में चुनाव प्रचार नहीं किया. चारों सीटों पर राजद प्रत्याशियों के लिए तेजस्वी यादव कई बार दौरा कर चुके हैं, लेकिन लालू यादव ने कहीं भी चुनाव प्रचार नहीं किया.
अब वे पहली बार चुनाव प्रचार के लिए सारण के लिए निकले हैं. विपक्षी दलों ने लालू के इस कदम की आलोचना भी की है और कहा है कि वह पुत्री मोह में आकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं । जबकि अपने अन्य उम्मीदवारों को वैसा महत्व या तवज्जो नहीं दे रहे हैं। महागठबंधन के अन्य उम्मीदवारों के लिए भी उन्होंने फिलहाल कोई जोर नहीं लगाया है । इन सीटों का प्रचार के लिए तेजस्वी यादव को ही प्रमुख तौर पर लगाया गया है। लेकिन तेजस्वी यादव इन आरोपों का खंडन करते हैं। उनका कहना है लालू प्रसाद और राबड़ी देवी जल्द से दूसरे राजद उम्मीदवारों के प्रचार में भी जाएंगे । वे कांग्रेस समेत महागठबंधन के अन्य दलों के प्रचार में भी जाएंगे।

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