गुरु पूर्णिमा पर स्वामी प्रेमानंद जी के दर्शन-पूजन के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालु

गुरु पूर्णिमा पर गुरु जी के दर्शन के लिए कल से ही उमड़ रहे श्रद्धालु
मंदिरों, देवालयों और गुरु के आश्रम में सुबह से लगी श्रद्धालुओं की भीड़
विश्वपति
नव राष्ट्र मीडिया
पटना।गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पूरे भारत में एक अद्भुत आध्यात्मिक एवं धार्मिक वातावरण का प्रभाव दिखाई दे रहा है । विभिन्न संप्रदायों के लोग अपने अपने इष्ट देव एवं गुरु की आराधना आज कर रहे हैं । प्रायः सभी मंदिरों , गुरुकुल तथा आश्रमों में आज अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने शुरू हो गई थी। लोगों ने अपने अपने इष्ट देव के अलावा गुरुओं के पांव पखारे एवं उनके श्रद्धा से पूजा की। पटना समेत बिहार के सभी मंदिरों विद्यालयों और आश्रमों में संत गुरुओं की पूजा अर्चना की गई।
लेकिन जैसी की संभावना थी,पूरे हिंदी पट्टी के श्रद्धालुओं का जमावड़ा आज वृंदावन में देखा गया। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार ,झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान पंजाब के अलावा महाराष्ट्र ,तेलंगाना आदि दक्षिण राज्यों के श्रद्धालुओं का केंद्र भी आज वृंदावन बन गया। वृंदावन में संत महर्षि स्वामी प्रेमानंद जी के दर्शन पूजन के लिए लोगों की लंबी कतार लगी रही। लिखने की प्रशासन के छक्के छूट गए। हिंदू धर्म के अलावा सिख धर्म के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उनका पूजन, अभिनंदन किया । हिंदू धर्म के विभिन्न संप्रदायों वैष्णव मत, शैव, शाक्य मत के हजारों श्रद्धालुओं ने तमाम विवेता और भिन्नता को छोड़कर यहां आकर उनका पूजन किया।
दर्शन पूजन के लिए कल से ही लंबी लंबी कतारें वृंदावन में लगने लगी थी। ऐसा लगता है कि भारत का आध्यात्मिक विकास होगा और यह जल्द ही आध्यात्मिक विश्व गुरु बनेगा। इस बार विश्व गुरु वह किसी राजनेता के भरोसे नहीं होगा, बल्कि आध्यात्मिक धर्मगुरु के नायकत्व में ही होगा । इस बात की संभावना दिखाई देने लगी है। वैसे भी नेस्त्राडमस आदि भविष्यवक्ताओं ने कहा था कि साल 2052 तक भारत आध्यात्मिक रूप से विश्व गुरु हो जाएगा। लगता है उसकी नींव सवा 100 साल के बाद पड़ गई है। आध्यात्मिक विभूतियों ने अपना प्रकाश यहां फैलाना शुरू कर दिया है। लाखों लोगों की उपस्थिति में प्रकाश फैल रहा है ।
स्वामी प्रेमानंद जी के रूप में ईश्वरीय कृपा साक्षात बरस रही है और इस कृपा को करोड़ों लोग महसूस भी कर रहे हैं, देख रहे हैं। खास बात यह है कि जो ईश्वरीय कृपा प्रकट हुई है, उसे मार्गदर्शन के रूप में स्वयं स्वामी प्रेमानंद लोगों के बीच में बांटना चाहते हैं। वे आम जनता में स्वयं बांट भी यहे हैं ।
जिस प्रकार उनके उपदेशों में गुरुवाणी, वेदों, उपनिषदों, गीता, रामायण, बाइबल आदि तमाम शास्त्रों, सभी धर्म ग्रंथों के मूल संदेश रहता हैं ,वह सीधे जनता के हृदय में प्रवेश कर रहे हैं। रामकृष्ण परमहंस, राम हर्षण दास, देवराहा बाबा , नीम करोली बाबा, साईं बाबा आदि दर्जनों भगवत शक्ति प्राप्त महापुरुषों के बाद वास्तव में देश में संत अवतारी महापुरुषों की कमी हो गई थी। रिक्तता आ गई थी। उससे भारतीय समाज बड़ा दुखी था। दूसरी ओर आसाराम बापू ,बाबा राम रहीम जैसे कई विवादित धर्मगुरुओं के आचरण से हिंदू धर्म बुरी तरह बदनाम हो रहा था। लोगों की आस्था खत्म हो रही थी।
उस कमी को राधा रानी ने स्वामी परमानंद के माध्यम से भर दिया है । सनातन धर्म के प्रति लोगों में आस्था एकाएक बढ़ा दी । यह वास्तव में राधा कृष्ण की जुगल जोड़ी का कमाल है जिसने सनातन धर्म के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि देशों में भी एक आकर्षण भर दिया है। एक दैवी प्रकाश पुंज , राधा कृपा और भगवती सरस्वती के दुलारे संत का प्राकट्य वृंदावन में ऐसा हुआ है, जिसकी सुगंध अद्भुत तरीके से पूरे भूमंडल में फैल रही है ।
वास्तव में यह सुगंध तो इंटरनेट के माध्यम से और भी दोगुनी चौगुनी गति से फैल रही है। लगता है यूट्यूब के अविष्कार का मानों सर्वाधिक लाभ आम जनता को अब पहली बार मिल रहा है। कस्तूरी की सुगंध मृग के नाभि में बसी हुई थी। छिपी हुई थी। उस सुगंध को यूट्यूब ने क्या सुंदर तरीके से निकाला है। राधा वल्लभ श्री हरिवंश समाज और स्वामी जी के शिष्यों ने अथक मेहनत करके उनकी वाणी को देश विदेश तक फैलाया।
एक महात्मा की वाणी को अद्भुत तरीके से पूरे विश्व में फैल रही है। वास्तव में यह अद्भुत घटना है। अद्भुत तरीके से उनकी वाणी पूरे विश्व में फैल रही है। पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल आदि दूसरे देशों से भी लोग आ रहे हैं। उनको सुनने के लिए , उनका शिष्य बनने के लिए। दूसरे धर्म के लोगों की भीड़ भी लग रही है।
दरअसल, उनके सत्संग और प्रवचन को जिसने जहां सुना, वहीं पर हतप्रभ रह गया। स्तब्ध और मंत्रमुग्ध रह गया । उसे लगा कि पूरा संदेश मानों उसके लिए ही था। बाबा जी ने मानों उन्हीं को लक्ष्य करके यह बातें कहीं। सारी बातें हृदय की गहराइयों में उतर गई।
यह घटना एक साथ लाखों लोगों के साथ रोजाना हो रही है। घर बैठे ऐसी अमोघ वाणी, दैवी संदेश, ईश्वरीय वार्ता सत्संग ,एकांतिक वार्तालाप के माध्यम से फैल रही है । इंटरनेट , यूट्यूब की सार्थकता अब जाकर लोग समझ रहे हैं ।
देश-विदेश के करोड़ों लोग एक साथ इन संदेशों, प्र वचनों का श्रवण करके मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं तो लगता है कि वाकई राधा कृष्ण अपना चमत्कार दिखा रहे है। एक साथ करोड़ों लोगों के हृदय में उनकी दिव्य वाणी सीधे कलेजे में उतर रही है। क्योंकि किसी एक स्थान से करोड़ों को संबोधित करना संभव भी नहीं हो सकता है। किसी भी स्थान विशेष पर लाखों वर्ग फुट के विशाल पंडाल में भी आयोजित कथा, सत्संग समारोह से ऐसी वाणी को फैलाया नहीं जा सकता ।
उसे तो नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति से फैलने का शुभ अवसर मिल रहा है। स्वामी जी के दर्शन के लिए वृंदावन शहर में 8, 10 घंटे से सड़कों पर प्रतीक्षा करना बिल्कुल चमत्कारिक है लेकिन वहां के लोगों के लिए आम बात हो गई है। लाखों लोग रात भर सड़क पर उनकी प्रतीक्षा करते हैं । प्रतीक्षारत लोगों को देखकर लगता है कि यह कोई साधारण जन नहीं हैं, बल्कि देवता ही मनुष्य रूप धारण करके दर्शन करने के लिए लाइन में खड़े हैं।
जिस किसी से भी औचक रूप से बात की जाती है तो वह यही बात बोलता है कि स्वामी परमानंद जी साक्षात राधा रानी के विशेष अनुग्रह प्राप्त, स्पेशल पावर से युक्त है। राधा रानी उनके श्रीमुख से बोल रही हैं।
रामकृष्ण परमहंस को भी यह कृपा प्राप्त हुई थी। जब मां काली उनके श्रीमुख से आम जनता को मार्गदर्शन के लिए दिव्य प्रवचन देती थी। लेकिन उस समय उनको इंटरनेट, यूट्यूब का कोई लाभ नहीं मिला। किंतु वर्तमान युग में वैज्ञानिक आविष्कारों का पूरा लाभ श्री राधा बल्लभ श्री हरिवंश समाज को मिल रहा है ।
यह वाकई चमत्कार है। हजारों किलोमीटर दूर लोग बैठे सारी बातें देख सुन रहे हैं। महात्मा जी की दोनों किडनियां फेल हैं। फिर भी यह आश्चर्यजनक ढंग से घंटो लोगों के बीच सक्रिय रहते हैं। आम लोग भी उनके स्वस्थ होने, दीर्घायु होने की प्रार्थना कर रहे हैं। बल्कि चर्चित करौली दरबार, नीम करोली बाबा आश्रम, बागेश्वर धाम पंडोखर धाम आदि चमत्कारिक बाबाओं के यहां लोग उनके लिए प्रार्थना करने पहुंच रहे हैं। यहां तक कि खुद वृंदावन के दूसरे आश्रमों में भी लोग अपने आराध्य देव से स्वामी प्रेमानंद जी के स्वास्थ्य लाभ की खुलेआम प्रार्थना और कामना कर रहे हैं।
दूसरे चमत्कारिक बाबाओं से भी यह कह रहे हैं कि वे अपनी शक्ति से स्वामी जी को स्वास्थ्य लाभ कराएं। लेकिन स्वामी प्रेमानंद जी इन सब बातों से बेहद ऊपर उठे हुए हैं और वह स्वस्थ होने की कोई निजी कामना नहीं करते हैं। वे सारा मामला राधा रानी की कृपा पर छोड़ दे देते हैं।
वृंदावन तथा उत्तर प्रदेश के तमाम दूसरे संत महात्मा भी इस अद्भुत घटना से चकित हैं। हतप्रभ हैं। वास्तव में राधा कृपा प्राप्त स्वामी परमानंद जी ने एक बहुत बड़ी आध्यात्मिक लकीर खींची है।
इनके आभामंडल के सूर्य के आगे फिलहाल दूसरे सभी संत महात्माओं का तेज काफी कमजोर पड़ गया है। वृंदावन का सारा ध्यान और प्रेम बस एक ही जगह केंद्रित हो गया है । उनके दर्शन पूजन के लिए बिहार, झारखंड ,बंगाल ,उड़ीसा असम, मेघालय आदि राज्यों से हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और विशाल भीड के आने से उनके रहने खाने, ठहरने की समस्या भी हो गई है।
इन सभी लोगों का विशाल जमावड़ा आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर वृंदावन में देखा गया। स्थानीय पुलिस प्रशासन को उन्हें संभालने में एड़ी चोटी का पसीना एक करना पड़ रहा है।