नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना 21 अक्टूबार। जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह स0वि0प0 नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 निहोरा प्रसाद यादव एवं श्री अरविन्द निषाद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव द्वारा किया गया ‘‘इन्कम घोटाला’’ किसी और से नहीं बल्कि उन्हीं के वेतन से संबंधित है। जब तेेजस्वी यादव बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र थे तब उनकी आय अधिक थी लेकिन वही तेजस्वी यादव जब बिहार के उप-मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष बने तो इनकी आय घट गई। इन सबमें सबसे रोचक बात तो यह है कि ये अपनी सालाना आमदनी से ज्यादा तो लोगों को ऋण दे देते हैं। ‘‘आमदनी अठ्ठनी और खर्चा रूपईया’’ के फाॅर्मूला का जवाब तो नेता प्रतिपक्ष को बिहार की जनता को देना चाहिए। उक्त बातें हम नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा दिया गया उनके चुनावी हलफनामे में ही अंकित है।

आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये जदयू के नेताओ ने कहा, नेता प्रतिपक्ष बने तेजस्वी यादव अपने पहले विधानसभा चुनाव-2015 के शपथ-पत्र में बताये कि उनका वार्षिक 5 लाख 8 हजार 19 रूपया है, जबकि साल-2015 में ही उन्होंने अलग-अलग लोगों को 1 करोड़ 13 लाख रूपये का ऋण दिया।

वहीं विधायक का कार्यकाल पूरा करने के उपरान्त लड़ रहे विधानसभा चुनाव-2020 में उनका वार्षिक आय (2018-19) घटकर 1 लाख 41 हजार 750 रूपया हो गया यानि 11 हजार 812 रूपया 50 पैसा मासिक। जबकि एक विधायक का हर माह बेसिक वेतन 40 हजार रूपये था।  यानि सालाना 4 लाख 80 हजार रूपये होता है। अब सवाल यह है कि 11 हजार 812 रूपया 50 पैसा मासिक कमाने वाला कोई व्यक्ति चार्टर प्लेन में अपना जन्मदिन का पार्टी कैसे कर लेता है, विदेष कैसे घूम लेता है, हेलीकाॅप्टर को टैªक्टर कैसा बना देता है? नेता प्रतिपक्ष केा इतने कम पैसों में प्लेन में पार्टी मनाने एवं विदेष घुमने की विधि बिहार के युवाओं को और हेलीकाॅप्टर को टैªक्टर बनाने का फाॅर्मूला बिहार के किसानों को भी बताना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष का पंचवर्षिय घोषित आय 89 लाख 75 हजार 360 रूपये ही है तो फिर उन्होंने 4 करोड़ 10 लाख रूपये का ऋण लोगों को कहाॅं दे दिये। आय से अधिक 3 करोड़ 20 लाख 24 हजार 640 रूपये लोगों को ऋण देने के लिए कहाॅं से आया?

हो सकता है कि नेता प्रतिपक्ष को उनके पिता की तरह ही वेतन के अलावे भैंस के खटाल से या पटना वाली 43 बिगहा 12 कठ्ठा 14 धूर 16 धुरकी जमीन सहित बिहार के अन्य राज्यों में जमीनें है वहाॅं से किराया आता होगा। लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में अपने आय का स्त्रोत सिर्फ अपना वेतन को ही दर्षाया है।

इस तरह का गणित तो कोई 9वीं पास किया हुआ व्यक्ति/छात्र ही बता सकता है, मैं ही नहीं शायद कोई नामी-गिरामी गणितज्ञ भी इसे ना ही समझ पायेंगे और ना ही किसी को समझा पायेंगे।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed