*मोदी सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना व भाजपा नेतृत्व वाले नगर निगम की तानाशाही पर जताया रोष*
*भाजपा के पटना सांसद/विधायक चुप्पी तोड़ो, बिहार सरकार आंखें खोलो का लगा नारा*
*लगेगी जन अदालत, मांगें पूरी नहीं हुई तो पटना बंद की ओर बढ़ा जाएगा : महबूब आलम
नव राष्ट्र मीडिया
पटना। 21 सितंबर
पटना नगर निगम की तानाशाही और फुटपाथ दुकानदारों पर लगातार चल रहे बुलडोजर के खिलाफ आज फुटपाथ दुकानदार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर से जीपीओ गोलबंर पर महाधरना का आयोजन किया गया.
महाधरना में वेंडिंग जोन बनाने, वाजिब शुल्क के साथ फुटपाथ दुकानदारों की तत्काल स्थाई बंदोबस्ती करने, स्मार्ट सिटी व सौंदर्यीकरण के नाम पर गरीबों की रोजी-रोटी पर किए जा रहे हमले पर रोक लगाने सहित कई मांगों को उठाया गया.
धरना के दौरान भाजपा के पटना सांसद/विधायक चुप्पी तोड़ो, बिहार सरकार आंखें खोलो का नारा भी लगा. मोर्चा ने कहा है कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो पटना महानगर के फुटपाथ दुकानदारों को संगठित कर पटना बंद की दिशा में बढ़ा जाएगा. साथ ही सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, बुद्धिजीवियों को संगठित कर बड़ी जन अदालत भी लगाई जाएगी. ऑटो रिक्शा चालकों के संगठनों ने भी आंदोलन का समर्थन किया है.
महाधरना को भाकपा-माले के विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, माले के वरिष्ठ नेता कृष्णदेव यादव, स्कीम वर्करों की नेता शशि यादव और पटना महानगर के सचिव अभ्युदय ने संबोधित किया. मौके पर धीरेंद्र झा, समता राय, संजय यादव, विनय कुमार, प्रमोद यादव, पुनीत पाठक, मो.सुहैल आदि उपस्थित थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता मो.शहजादे आलम, मो. शहाबुद्दीन, जितेंद्र कुमार, महताब आलम, अनिल सिंह, मुर्तजा अली, चंद्रकला देवी, मो. अकबर, शकील समस्तीपुरी, रामकृष्ण कुशवाहा आदि ने संयुक्त रूप से की.
माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मोदी सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना व भाजपा नेतृत्व वाले नगर निगम की तानाशाही पर गहरा रोष जताया. उन्होंने कहा कि इस मसले पर आखिर भाजपा के पटना के सांसद और उसकी पार्टी के स्थानीय विधायक अपनी चुप्पी क्यों नहीं तोड़ रहे?
आगे कहा कि फुटपाथ दुकानदारों की सुरक्षा व उनके लिए स्थायी वेंडिंग जोन बनाने का कानून इस देश में बना हुआ है. 2014 में केंद्र की सरकार और 2017 में राज्य सरकार ने ऐसा ही कानून बनाया था, लेकिन फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेडिंग जोन बनाने की बात छोड़ ही दी जाए, उलटे प्रशासन का डंडा हमेशा चलता रहता है. यह कहां से न्यायोचित है? स्मार्ट सिटी और सौंदर्यीकरण के नाम पर गरीबों की रोजी-रोटी पर हमला हमें मंजूर नहीं है. पुलिस आती है और बिना किसी पूर्व सूचना के फुटपाथ दुकानदारों का सामान तहस-नहस कर देती है. स्टेशन रोड की बात हो या फिर वीरचंद पटेल पथ की, हर जगह स्थिति एक सी है. उन्होंने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों की सुरक्षा व उनके लिए स्थायी वेंडिंग जोन के निर्माण के सवाल पर हमारा धारावाहिक आंदोलन चलता रहेगा.
अपने प्रस्ताव में फुटपाथ दुकानदार संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने न्यू मार्केट, पटना जंक्शन, एमएलए फ्लैट, बेली रोड, जगदेव पथ के पास के क्षेत्रों को वेंडिंग ज़ोन घोषित करने; बकरी मार्केट की जगह बन रहे मल्टी मॉडल हब में वेंडिंग ज़ोन का निर्माण करने; पटना महानगर में सभी फुटपाथ दुकानों को व्हाइट/रेड निशान लगाकर व्यवस्थित करते हुए उसे वेंडिंग ज़ोन घोषित करने; फुटपाथ दुकानदारों से वाजिब शुल्क लिए जाने की व्यवस्था लागू करने; दुकान उजाड़ने के दौरान माल की जब्ती सूची बनाने; न्यू मार्केट फूल पत्ती की जगह पर पार्किंग का निर्माण करने; जीपीओ गोलंबर से टाटा पार्क तक हेरीटेज़ मार्केट घोषित करने और जीपीओ से महावीर मंदिर तक वन वे ट्राफ़िक की व्यवस्था करने आदि प्रस्ताव पारित किए.