बिहार, बिहार की जनता व विधानसभा को शर्मसार करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार माफी मांगें

विजय शंकर 

पटना । बिहार, बिहार की जनता व विधानसभा को शर्मसार कर लोकतंत्र की हत्या करने वाले नीतीश कुमार को बिहार की जनता से माफी मांगनी होगी. भाकपा-माले ने विधानसभा के अंदर विपक्ष के विधायकों पर बर्बर पुलिसिया दमन व उनके मनोबल को गिराने की भाजपा-जदयू की कोशिशों के खिलाफ 26 मार्च को महागठबंधन के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बिहार बंद को ऐतिहासिक बनाने की अपील राज्य की जनता से की है । पटना में 12 बजे जीपीओ गोलबंर से बंद का मार्च निकलेगा. सभी जिला कमिटियां अभी से बंद को सफल बनाने में लग गई हैं.

पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, वरिष्ठ माले नेता केडी यादव व विधायक सत्यदेव राम ने संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा कि पहले से ही तीनों किसान विरोधी कानून, निजीकरण व 4 श्रम कोडों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा का भारत बंद से ही घोषित है. हमारी पार्टी उसका समर्थन कर रही है। अब उसके साथ-साथ लोकतंत्र की धरती को लोकतंत्र की कब्रगाह बनाने की भाजपा-जदयू की कोशिशों के खिलाफ कल बिहार बंद होगा, जो तानाशाह नीतीश कुमार को एक करारा जवाब होगा. अपने लोहिया व जेपी का शिष्य बताने वाले नीतीश कुमार हिटलर की भाषा बोल रहे हैं, तो उनका भी वही हश्र होगा जो हिटलर का हुआ था ।

माले नेताओं ने सभी न्यायप्रिय नागरिकों व बुद्धिजीवियों से लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आगे आने का आह्वान किया है. कहा कि जिस प्रकार से आनन-फानन में तीन कृषि कानून बनाकर किसानों से जमीन छीन लेने की पटकथा लिखी गई, उसी प्रकार से जबरन यह पुलिस राज विधेयक पारित कराया गया है. आखिर नीतीश कुमार को इतनी हड़बड़ी क्यों थी?

किसी भी विधेयक को लेकर यदि विपक्ष की आपत्ति होती है, तो उसपर व्यापक चर्चा कराने की ही परंपरा लोकतांत्रिक व्यवस्था की परंपरा रही है. लेकिन पुलिस बल के जोर पर कानून बनाना लोकतंत्र को एक भद्दे मजाक में तब्दील कर देना है. हम यह लड़ाई लड़ते रहेंगे. हम पटना के डीएम व एसपी पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.। 

 

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