विजय शंकर
पटना । राज्यसभा के पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने आज कहा कि मुझे यह जानकर कोई विशेष आश्चर्य तो हुआ नहीं कि ममता दीदी ने कल नन्दीग्राम में कहा कि मुझ पर जितने हमले हुए, ये सब बिहार और यू पी के गुंडों ने किये हैं । पहली बात तो यह है कि उन पर कोई हमले हुए ही नहीं है । बीच-बीच में सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटक करना उनकी पुरानी आदत है, जिससे बंगाल की जनता भलीभांति परिचित है । अभी भी जिसको वे हमला बता रही हैं, उससे बड़ा कोई ढोंग हो ही नही सकता । किसी का पैर टूटा हो, पैर में फ्रैक्चर हो, वह धूमता-फिरे, यह तो जिनके कभी पैर टूटे होगें वे ही बता सकते हैं कि यह कितना संभव हो सकता है, या संभव नहीं हो सकता है। दूसरी बात यह है कि ममता दीदी ने पूरे बिहार का ही नहीं बंगाल का और अपने पूर्वजों का भी अपमान किया है। क्योंकि, बंगाल आज भी जिसके नाम से प्रसिद्ध है, जिनके लिये बंगवासी अमार विवेकानन्दों, अमार रवीन्द्रनाथ ठाकुर, अमार महर्षि अरबिन्दों का रट लगाकर गौरवान्वित होते हैं। ये हुये थे तब बिहार और बंगाल एक ही था। हमारे पूर्वज भी उतने ही बंगाली थे, जितने की ममता दीदी के थे और ममता दीदी के पूर्वज भी उतने ही बिहारी थे, जितने कि हमारे पूर्वज थे। ममता दीदी क्या कर रही हैं ये सब । क्षेत्र और प्रांत के नाम पर वैमनस्य फैलाने का जो कार्य ये कर रही हैं इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। इससे तो पूरे देश में रहने वाले बंगवासी भाई-बहनों का सिर शर्म से झुक गया होगा। ठीक ही कहा गया है कि किसी के सिर पर जब विनाश मंडराता है तो उसका बुद्धि, विवेक नष्ट हो जाता है। ‘‘ विनाशकाले, विपरीत बुद्धि’ की कहावत को प्रमाण की जरुरत नहीं ।