सुबोध,
किशनगंज 31 अक्टूबर। लोक आस्था का महाछठ पर्व जगह -जगह हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी है और प्रशासन की चाकचौबंध विधि-व्यवस्था भी रही है। मगर वही जिले में कई तालाव या नदी पर घाट का अभाव है और वहा पर भी मुश्किलों का सामना करते हुए व्रतियों के द्वारा छठ पुजा की जा रही है।क्योंकि छठ आस्था का पर्व है ।जिले में उपेक्षित छठघाट निर्माण की मांग में चला हस्ताक्षर अभियान।किशनगंज प्रखंड़ के चकला पंचायत किशनगंज-ठाकुरगंज के मुख्य मार्ग के साथ लगा रमजान नदी पर घोड़ामरा छठघाट है ।कहा जाता है कि यहा करीब पांच से छह दसक पहले से ही इस घाट पर छठ पूजा हो रही है।किन्तु दुर्भाग्य कहें कि स्थानीय जन प्रतिदिन एवं शासन – प्रशासन के द्वारा घोड़ामरा छठघाट उपेक्षित छठ घाटों में से एक है ।उपेक्षा के शिकार घोडा़मरा छठ घाट के निर्णान की मांग को लेकर यहा हस्ताक्षर अभियान चला।इस छठघाट पर दो हजार से अधिक छठव्रत करने वाले व्रतियों एवं श्रधालु से हस्ताक्षर ली गयी है।
मौके पर छठपूजा समिति के सदस्य संजय सिंह एवं पप्पू सिंह ने संयुक्त बयान में बताया कि करीब पांच-छह दसक से यहा घोड़ामरा छठघाट पर छठ पूजा हो रही है मगर यहा शासन एवं प्रशासन का ध्यान नही गया है कि यहा भी छठघाट का निर्माण होना चाहिए। इसीलिए इस साल घाट के निर्माण की मांग के लिए हम समिति के सदस्य के द्वारा इस छठघाट पर व्रतियों से हस्ताक्षर अभियान चलाया जा गया है।वही संजय सिंह ने कहा कि यहा के भूमाफिया इस छठघाट का स्तित्व को मिटा देने का असफल प्रयास भी कर चुके हैं।वही भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव राजेश गुप्ता ने सरकार व प्रशासन को ही निसाने पर लिया और कहा इतनी बड़ी आबादी में छठव्रती एवं श्रधालु हर साल यहा घठ पूजा में पहुंचते हैं मगर यह छठघाट ही मात्र ऐसा नही है बल्कि जिले में बहुत ऐसे छठघाट भी है जो शासन-प्रशासन के द्वारा उपेक्षित हैं जहा समिति के लोग ही अपनी व्यवस्था कर छठ पूजा किया करते हैं।यहा के जन प्रतिनिधि भी इस ओर नही सोचा है।
उल्लेखनीय है कि लगातार चार दिनों तक चलने वाली लोक आस्था का महाछठ पर्व शुक्रवार को नहाय खाय से शुरू होकर ,शनिवार को खरना संपन्न हुयी ,रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा एवं सोमवार को उदिप्तमान सूर्य देव को अर्घ्य देने के पश्चात विधिवत् समापन है।
