बिहार के गौरवशाली अतीत एवं विकासशील वर्तमान के बारे में कई अहम जानकारियाँ प्राप्त की
नवराष्ट्र मीडिया न्यूज
पटना। बिहार की जनसांख्यिकी, राजनीति और संस्कृति के बारे में जानने एवं समझने के उद्देश्य से Ms Beate Gabrielsen के नेतृत्व में दिल्ली स्थित नॉर्वेजियन दूतावास के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का आज बिहार आगमन हुआ । भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से प्रतिनिधियों ने मुलाक़ात की। मौके पर मंत्री ने मुख्यमंत्री जी के स्वर्णिम कार्यकाल में बिहार में हुए सकारात्मक बदलाव एवं विकास की जनकारी दी।
बातचीत के दौरान मंत्री जी ने बताया कि वर्ष 2000 में बिहार जब झारखंड से अलग हुआ था उस समय उर्जा के 70 प्रतिशत स्त्रोत झारखण्ड के हिस्से में चले गए थे, बिहार के पास 70% लोड था,बिहार में मात्र 700 मेगावाट की बिजली आपूर्ति होती थी, जिसका नतीजा हुआ कि बिहार में बिजली की भारी किल्लत हुई, कई गाँव कई कस्बे यहाँ तक शहरों में बिजली आपूर्ति बाधित रहती थी, लेकिन जब माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रदेश में काम करने का अवसर मिला तब उन्होंने महत्वकांक्षी सात निश्चय कार्यक्रम’ अंतर्गत हर घर बिजली योजना की शुरुआत की.इस योजना के सफल क्रियान्वयन का नतीजा है कि आज राज्य में तकरीबन 6,627 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। सरकार ने हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिसंबर 2018 तक निर्धारित किया गया था, जिसे दो महीने पहले अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया। माननीय मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शिता का ही यह परिणाम है कि प्रदेश अब बिजली उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस स्टेट बन गया है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि बिहार में शिक्षा की स्थिति बदहाल थी 12.5 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे शिक्षा से कोसों दूर थे, बच्चियों के शिक्षा की स्थिति तो और भी दयनीय थी। उन्होंने कहा कि साइकिल/ पोशाक योजना,प्रोत्साहन योजना , विद्यालयों के निर्माण एवं जनजागरुकता अभियान के माध्यम से लडकियों को विद्यालयों से जोड़ा गया. आज राज्य में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा देने वाले बच्चों में छात्र एवं छात्राओं की संख्या लगभग एक समान है। वर्तमान में अब मात्र 1 लाख से भी कम बच्चे विद्यालयों से दूर हैं जिन तक शिक्षा पहुँचाने के लिए सरकार प्रयासरत है।
आगे उन्होंने कहा कि राज्य विकास में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी, लेकिन जब माननीय मुख्यमंत्री जी को कार्य करने का अवसर मिला तब सर्वप्रथम राज्य के नगर निकायों / पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं को 50 फीसदी का आरक्षण देकर उन्हें समाज का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान किया. जीविका जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें सशक्त एवं स्वावलंबी बनाया. माननीय मंत्री जी ने चर्चा के दौरान बताया कि बिहार ही वह राज्य है जहाँ महिलाओं को राज्य की सरकारी नौकरियों एवं पुलिस विभाग में 35 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है. प्रदेश की महिलाओं अब पुरुषों के कन्धा से कन्धा मिलाकर प्रदेश के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं। आज पुलिस विभाग में समानुपातिक रूप से पूरे देश मे बिहार में महिला पुलिस की संख्या सबसे ज्यादा लगभग 24 % से भी ज्यादा है।
राज्य में सड़कों ,पुल/पूलियों और आधारभूत संरचनाओं का अभाव था जिसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने पूरा किया। आज प्रदेश के हर गाँव हर कस्बे तक सड़क, बिजली, पानी और अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंची हैं।आज 5-6 घंटे में राज्य के किसी कोने से पटना पहुँचा जा सकता है। प्रदेश में आधारभूत संरचनाओ का विकास निरंतर जारी है, हमारे पास अशोका कन्वेंशन सेंटर,बिहार म्यूजियम और सरदार पटेल भवन जैसी अत्याधुनिक निर्माण शैली पर आधारित विश्वस्तरीय इमारतें हैं। उद्योग के क्षेत्र में बिहार निरंतर गतिशील है. पर्यावरण संरक्षण एवं हरियाली के विस्तार को लेकर माननीय मुख्यमंत्री की परिकल्पना पर आधारित जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रशंसा वैश्विक मंचों पर हो चुकी है। बिहार एक लैंडलोकड स्टेट होने के बावजूद पूरे देश में सर्वाधिक विकास दर से प्रगति करने वाला राज्य है। बिहार एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है। सरकार ने तीन कृषि रोड मैप के माध्यम से राज्य में फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में अत्यधिक वृद्धि हुई है जिसका परिणाम है कि बिहार को बारंबार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। नई उद्योग नीति एवं स्टार्ट अप नीति के माध्यम से विभिन्न उद्योगों के स्थापना हो रही है एवं स्टार्टअप्स के द्वारा अनुकूल माहौल का फायदा उठाया जा रहा है। बिहार इथेनॉल का नया हब बन रहा है। बिहार में कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, पिछड़े/अतिपिछड़ों एवं दलितों के सर्वांगीण विकास हेतु संचालित की जा रही योजनाओं का व्यापक एवं अनुकूल प्रभाव पड़ा है।
आगे उन्होंने बताया कि एक गरीब राज्य होने के बावजूद माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिहार निरंतर विकास के नए मापदंड स्थापित कर रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली में नॉर्वेजियन दूतावास के काउंसलर और राजनीतिक अनुभाग की प्रमुख मिस बीट गेब्रियल्सन, राजनीतिक सलाहकार अनडिस वटवेद्ट सिंह, प्रथम सचिव राजनीतिक एन क्रिस्टिन जॉन्सन, द्वितीय सचिव राजनीतिक जोहान बेजरकेम और प्रशिक्षु फैनी लवहोम शामिल थे।
पटना। बिहार की जनसांख्यिकी, राजनीति और संस्कृति के बारे में जानने एवं समझने के उद्देश्य से Ms Beate Gabrielsen के नेतृत्व में दिल्ली स्थित नॉर्वेजियन दूतावास के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का आज बिहार आगमन हुआ । भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से प्रतिनिधियों ने मुलाक़ात की। मौके पर मंत्री ने मुख्यमंत्री जी के स्वर्णिम कार्यकाल में बिहार में हुए सकारात्मक बदलाव एवं विकास की जनकारी दी।
बातचीत के दौरान मंत्री जी ने बताया कि वर्ष 2000 में बिहार जब झारखंड से अलग हुआ था उस समय उर्जा के 70 प्रतिशत स्त्रोत झारखण्ड के हिस्से में चले गए थे, बिहार के पास 70% लोड था,बिहार में मात्र 700 मेगावाट की बिजली आपूर्ति होती थी, जिसका नतीजा हुआ कि बिहार में बिजली की भारी किल्लत हुई, कई गाँव कई कस्बे यहाँ तक शहरों में बिजली आपूर्ति बाधित रहती थी, लेकिन जब माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रदेश में काम करने का अवसर मिला तब उन्होंने महत्वकांक्षी सात निश्चय कार्यक्रम’ अंतर्गत हर घर बिजली योजना की शुरुआत की.इस योजना के सफल क्रियान्वयन का नतीजा है कि आज राज्य में तकरीबन 6,627 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। सरकार ने हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिसंबर 2018 तक निर्धारित किया गया था, जिसे दो महीने पहले अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया। माननीय मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शिता का ही यह परिणाम है कि प्रदेश अब बिजली उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस स्टेट बन गया है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि बिहार में शिक्षा की स्थिति बदहाल थी 12.5 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे शिक्षा से कोसों दूर थे, बच्चियों के शिक्षा की स्थिति तो और भी दयनीय थी। उन्होंने कहा कि साइकिल/ पोशाक योजना,प्रोत्साहन योजना , विद्यालयों के निर्माण एवं जनजागरुकता अभियान के माध्यम से लडकियों को विद्यालयों से जोड़ा गया. आज राज्य में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा देने वाले बच्चों में छात्र एवं छात्राओं की संख्या लगभग एक समान है। वर्तमान में अब मात्र 1 लाख से भी कम बच्चे विद्यालयों से दूर हैं जिन तक शिक्षा पहुँचाने के लिए सरकार प्रयासरत है।
आगे उन्होंने कहा कि राज्य विकास में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी, लेकिन जब माननीय मुख्यमंत्री जी को कार्य करने का अवसर मिला तब सर्वप्रथम राज्य के नगर निकायों / पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं को 50 फीसदी का आरक्षण देकर उन्हें समाज का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान किया. जीविका जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें सशक्त एवं स्वावलंबी बनाया. माननीय मंत्री जी ने चर्चा के दौरान बताया कि बिहार ही वह राज्य है जहाँ महिलाओं को राज्य की सरकारी नौकरियों एवं पुलिस विभाग में 35 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है. प्रदेश की महिलाओं अब पुरुषों के कन्धा से कन्धा मिलाकर प्रदेश के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं। आज पुलिस विभाग में समानुपातिक रूप से पूरे देश मे बिहार में महिला पुलिस की संख्या सबसे ज्यादा लगभग 24 % से भी ज्यादा है।
राज्य में सड़कों ,पुल/पूलियों और आधारभूत संरचनाओं का अभाव था जिसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने पूरा किया। आज प्रदेश के हर गाँव हर कस्बे तक सड़क, बिजली, पानी और अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंची हैं।आज 5-6 घंटे में राज्य के किसी कोने से पटना पहुँचा जा सकता है। प्रदेश में आधारभूत संरचनाओ का विकास निरंतर जारी है, हमारे पास अशोका कन्वेंशन सेंटर,बिहार म्यूजियम और सरदार पटेल भवन जैसी अत्याधुनिक निर्माण शैली पर आधारित विश्वस्तरीय इमारतें हैं। उद्योग के क्षेत्र में बिहार निरंतर गतिशील है. पर्यावरण संरक्षण एवं हरियाली के विस्तार को लेकर माननीय मुख्यमंत्री की परिकल्पना पर आधारित जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रशंसा वैश्विक मंचों पर हो चुकी है। बिहार एक लैंडलोकड स्टेट होने के बावजूद पूरे देश में सर्वाधिक विकास दर से प्रगति करने वाला राज्य है। बिहार एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है। सरकार ने तीन कृषि रोड मैप के माध्यम से राज्य में फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में अत्यधिक वृद्धि हुई है जिसका परिणाम है कि बिहार को बारंबार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। नई उद्योग नीति एवं स्टार्ट अप नीति के माध्यम से विभिन्न उद्योगों के स्थापना हो रही है एवं स्टार्टअप्स के द्वारा अनुकूल माहौल का फायदा उठाया जा रहा है। बिहार इथेनॉल का नया हब बन रहा है। बिहार में कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, पिछड़े/अतिपिछड़ों एवं दलितों के सर्वांगीण विकास हेतु संचालित की जा रही योजनाओं का व्यापक एवं अनुकूल प्रभाव पड़ा है।
आगे उन्होंने बताया कि एक गरीब राज्य होने के बावजूद माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिहार निरंतर विकास के नए मापदंड स्थापित कर रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली में नॉर्वेजियन दूतावास के काउंसलर और राजनीतिक अनुभाग की प्रमुख मिस बीट गेब्रियल्सन, राजनीतिक सलाहकार अनडिस वटवेद्ट सिंह, प्रथम सचिव राजनीतिक एन क्रिस्टिन जॉन्सन, द्वितीय सचिव राजनीतिक जोहान बेजरकेम और प्रशिक्षु फैनी लवहोम शामिल थे।