नालंदा के किसान धान की उपज में चीन से आगे, श्रवण

अच्छा बीज मिलेगा तो निश्चित रूप से उत्पादन अधिक होगा

वैज्ञानिकों के बताएं तकनीक अपनाएं किसान

किसान मेला में किसानों को सम्मानित किया गया

गांव में किसानों को ज्ञान वहां के माध्यम से जानकारी दिया जाएगा

मोटे अनाज के लिए सरकार दे रही है अनुदान

मौसम अनुकूल बीज तैयार किया जा रहा है

किसानों को उन्नति के लिए सरकार तत्पर है

नव राष्ट्र मीडिया

हरनौत, नालंदा/पटना।

स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में तीन दिवसीय किसान मेला का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, एवं सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दुनिया राम सिंह ने संयुक्त रूप से किया। मंत्री एवं कुलपति के हाथों 23 किसानों को सम्मानित किया गया।
मंत्री श्रवण कुमार ने मेला में किसानों को बताया कि बिहार सरकार किसानों की उन्नति के लिए चौथा रोड मैप तैयार किया है। मौसम अनुकूल खेती हो रही है। अब मौसम अनुकूल बीज तैयार किया जा रहा है। बिहार पहला राज्य है। जहां सरकार फसल छति पूर्ति देती है। वैज्ञानिकों के बताए तकनीक अपना कर किसान उत्पादन के साथ-साथ आमदनी बढ़ा सकते हैं। नालंदा के किसानों ने धान के उत्पादन में चाइना को भी पीछे छोड़ दिया है। किसने की उन्नति के लिए वैज्ञानिक कृषि के क्षेत्र में रिसर्च कर रहे हैं। नतीजा गांव छोड़कर शहर की ओर गए लोग अब खेती के लिए गांव में लौटने लगे हैं। अच्छा बीज खाद मिलेगा तो निश्चित रूप से उत्पादन अच्छा होगा। उत्पादन अच्छा होगा तो आमदनी भी अच्छी होगी। किसानों की खुशहाली के लिए सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। खाद बीज के साथ-साथ यंत्रीकरण पर जोर दिया जा रहा है। प्राकृतिक आपदा से किसानों को थोड़ी परेशानी हुई है। सरकार फसल छती पूर्ति अनुदान भी देती है। नालंदा के किसान धान, गेहूं, आलू, मछली,शहद, मशरूम के साथ-साथ सब्जी उत्पादन में कीर्तिमान हासिल कर रहे हैं। दलहन, तेलहन व मोटा अनाज उत्पादन के लिए सरकार ने 27 82 करोड़ रूपया खर्च करने का योजना तैयार की है ।जैविक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। पान के विकास के लिए भी योजना है। जर्दालू आम को बढ़ावा के लिए सरकार तत्पर है।

कुलपति डॉ दुनिया राम सिंह ने कहा कि हम किसानों की उन्नति के लिए दिन रात योजना बनाने में लगे है। किसानों को आर्थिक रूप से सवल बनाना है। इसके लिए सरकार भी चिंतित है। नालंदा के किसान मशरूम के क्षेत्र में कीर्तिमान हासिल कर रहे हैं। ज्ञान वाहन के माध्यम कृषि तकनीक के बारे में किसानों को बताया जाएगा। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक प्रयासरत हैं। किसान अपनी परेशानी कृषि विज्ञान केंद्र में आकर वैज्ञानिकों से साझा कर सकते हैं। समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक बैठे हैं। वैज्ञानिक तकनीक से खेती कीजिए। निश्चित रूप से आमदनी बढ़ेगी।

मौके पर सबौर के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरके सुहाने, अटारी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अमरेंद्र कुमार, बीसा समस्तीपुर के डॉ राजकुमार जाट, उद्यान महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ रणधीर कुमार, केवीके के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सीमा कुमारी, प्रखण्ड प्रमुख सुविली देवी, सीओ धर्मेंद्र कुमार, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष रविकांत कुमार, कवि उदय शंकर शर्मा, किसान अरुण सिंह, गौतम कुमार समेत दर्जनों नेता, अधिकारी व सैकड़ो किसान मौजूद थे।

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