Yogesh suryawanshi 04 मई, रविवार
सिवनी/केवलारी/पंजरा : मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्यों का उदय होने पर ही श्रीमद् देवी भागवत जैसी भगवान की दिव्य कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। भागवत रूपी गंगा की धारा पवित्र और निर्मल है, जो पापियों को भी तार देती है। उक्ताशय की बात आचार्य श्री हितेन्द्र पाण्डेय जी काशी (मातृधाम) ने विकासखंड केवलारी के गांव पांजरा खेरमाई मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् देवी भागवत पुराण में रविवार को कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि जिन-जिन लोगों ने गुरु मंत्र नहीं लिया है वे अगर श्री राम का नाम जाप करें तो यह महामंत्र श्री राम जय राम जय जय राम महामंत्र बन जाता है। यह ऐसा महामंत्र है कि इसे उठते-बैठते, आते-जाते जाप किया जा सकता है। मंत्र के जब से भगवान की कृपा बनी रहती है। इससे उसे व्यक्ति के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि देवी कथा का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है, क्योंकि यह हमें देवी की महिमा और शक्ति के बारे में जानकारी देती है और हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि सनकादिक ऋषियों ने सर्वप्रथम हरिद्वार में ही सप्तऋषि क्षेत्र में गंगा तट पर श्रीमद देवी भागवत कथा का वाचन किया था। कथा विश्राम एवं हवन प्रसाद भण्डारा सोमवार 5 मई को होगा।