एक घंटे तड़फता रहा सड़क पर तेंदुआ
Yogesh suryawanshi 07 अप्रैल,रविवार
सिवनी /रुखड़ :
19 मार्च रात्रि लगभग 8 बजे सड़क दुर्घटना में अज्ञात वाहन की टक्कर से घायल हुए तेंदुए की उपचार के दौरान मौत हो गई है। जिसकी जानकारी उच्चाधिकारीयो को देने के बाद आज रविवार को तेंदुए के शव को जलकर नष्ट किया गया।
ज्ञातव्य हो कि विगत 19 मार्च 2024 को रात्रि में पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी से होकर गुजरने वाले एन.एच. 44 राजमार्ग पर एक वन्यप्राणी तेंदुआ को ग्राम गंडाटोला के समीप अज्ञात वाहन के द्वारा दुर्घटनाग्रस्त कर दिया गया था। जिसकी सूचना परिक्षेत्र अधिकारी रूखड़ बफर को प्राप्त होने के उपरांत पेंच टाइगर रिजर्व का वन अमला, रेस्क्यू स्क्वॉड एवं वरिष्ठ वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्रा घटना स्थल पर पहुंचे। तेंदुआ गंभीर रूप से घायल था, उसे अत्यंत गंभीर चोटें आयी थी, घटना स्थल पर उसका अत्यंत खून बह चुका था। जिससे उसके बचने की संभावना अत्यंत कम थी। तब वरिष्ठ वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में रेस्क्यू दल द्वारा घायल तेंदुए को रेस्क्यू कर वन्यप्राणी चिकित्सालय, खवासा ले जाया गया। जहां संचालक स्कूल फार वाईल्ड लाईफ फारेंसिक एंड हेल्थ के मार्गदर्शन में वरिष्ठ वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा घायल तेंदुआ का उपचार कार्य किया जा रहा था।
उपचार के दौरान वह किसी भी प्रकार से भोजन नहीं ले पा रहा था एवं पानी पीने में भी असमर्थ था। घायल तेंदुए को भोजन कराने के समस्त प्रयास असफल हो गये थे तब उसे दवा एवं सलाईन के माध्यम से न्यूट्रिएन्स दिये गये किन्तु बाद के दिवसों में उसकी स्थिति धीरे- धीरे कमजोर होती गयी। उसके ऊपर-नीचे का जबड़ा, पसलियां, रीढ़ की हड्डी के पूर्ण रूप से टूटे होने के कारण तेंदुआ अत्यंत तकलीफ में था। तेंदुए की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्यप्रदेश द्वारा पांच चिकित्सकों के एक दल का गठन तेंदुए के उपचार एवं अन्य निष्कर्ष हेतु किया गया था। गठित दल के द्वारा अभिमत दिया गया कि तेंदुआ का ऊपर नीचे का जबड़ा, रिब्स, स्पाईन आदि पूर्ण रूप से टूटे हुए हैं एवं तेंदुआ भविष्य में भी उपचार से ठीक नहीं हो सकता है। एक से अधिक स्थानों की हड्डियां टूटे होने के कारण तेंदुआ अत्यंत तकलीफ में है। भोजन पानी, स्वास लेने में असमर्थ होने के कारण सामान्य जीवन जीने में असमर्थ एवं अत्यंत पीड़ा में है।
दिये गये अभिमत के आधार पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्यप्रदेश द्वारा गत 06 अप्रैल को अपने आदेश द्वारा उक्त तेंदुआ को पूर्ण रूप से अक्षम होने के कारण जीवन जीने में असमर्थ होने से यूथेनेसिया दिये जाने की अनुमति वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा-11 (1) (ए) के तहत प्रदान की गयी। उक्त अनुमति के आधार पर विशेषज्ञों द्वारा गंभीर रूप से घायल तेंदुआ को आज 07 अप्रैल को प्रातः यूथेनेसिया दिया जाने की तैयारी की जा रही थी उसी दौरान वरिष्ठ वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा परीक्षण करने पर पाया गया कि तेंदुए की मृत्यु बीति रात्रि में ही हो चुकी थी, तब इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी एवं क्षेत्र संचालक एवं मुख्य वन संरक्षक, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी की उपस्थिति में एन.टी.सी.ए. की एस.ओ.पी. के अनुरूप समस्त कार्यवाहियों को पूर्ण कर मृत तेंदुए के शव को भस्मिकरण समिति के समक्ष जला कर नष्ट किया गया।