Yogesh suryawanshi 26 अक्टूबर, रविवार
सिवनी/बरघाट : जिले के बरघाट थाना क्षेत्र के ग्राम निवारी में एकतरफा प्यार के चलते युवक की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बरघाट पुलिस को 24 अक्टूबर को सूचना मिली कि ग्राम निवारी के आगे कन्हरगांव माइनर रोड किनारे एक व्यक्ति का शव पड़ा है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव की शिनाख्त अनील पिता मर्सकोले (32) निवासी ग्राम निवारी के रूप में की। मृतक की पत्नी रुकमणी मर्सकोले (30) की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सिवनी श्री सुनील कुमार मेहता एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री दीपक मिश्रा के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री ललित गठरे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी मोहनीश बैस (बरघाट) एवं थाना प्रभारी आशीष खोबरागड़े (अरी) के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।
जांच के दौरान मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने ग्राम निवारी निवासी अतुल उर्फ पंकज मड़ावी (22) को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल की और बताया कि वह मृतक की पत्नी रुकमणी से एकतरफा प्यार करता था। रुकमणी द्वारा उसका प्रस्ताव ठुकराए जाने और पति अनील के शराब पीकर मारपीट करने से नाराज होकर उसने अपने दोस्त अंकित गढ़पाल (26) के साथ मिलकर अनील की हत्या की साजिश रची।
23 अक्टूबर की शाम दोनों आरोपियों ने मृतक अनील को शराब पीने के बहाने बुलाया और उसे सुनसान स्थान पर ले जाकर धारदार चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। वारदात में प्रयुक्त चाकू पुलिस ने बरामद कर लिया है।
दोनों आरोपियों — अतुल उर्फ पंकज पिता श्रीलाल मड़ावी एवं अंकित पिता महेश गढ़पाल, निवासी ग्राम निवारी थाना बरघाट — को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
सराहनीय पुलिस कार्यवाही
इस मामले के खुलासे में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री ललित गठरे, थाना प्रभारी मोहनीश बैस, थाना प्रभारी आशीष खोबरागड़े, उपनिरीक्षक फून्दूलाल उइके, सहायक उपनिरीक्षक लुपेश रहांगडाले, शैलेष तिवारी, प्रधान आरक्षक मेघेन्द्र रहांगडाले, मतीन खान, राजकुमार बघेल, राजेन्द्र कटरे, मनोज पारधी, केशरी नंदन ऐड़े, पारस तुरकर, होमंत रहांगडाले, शरद गौतम, जयंत, हेमंत गायकवाड़ एवं गजेन्द्र तेकाम का विशेष योगदान रहा।
